ठंड का असर बढ़ गया है शरीर पर! नजर आएं ये संकेत तो न करें लापरवाही

डेस्क: सर्दी के मौसम में जब शरीर का तापमान धीरे-धीरे गिरने लगता है, तो बॉडी खुद कुछ चेतावनी संकेत देने लगती है। इन संकेतों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ठंड का असर केवल सर्दी-जुकाम तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह फेफड़ों, जोड़ों और इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकता है। खासतौर पर बच्चे, बुज़ुर्ग और पहले से बीमार लोग ठंड से जल्दी प्रभावित होते हैं।
ठंड से होने वाले संभावित खतरे
लगातार या बार-बार ठंड लगने की स्थिति में शरीर को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- सर्दी, खांसी, फ्लू और वायरल संक्रमण
- निमोनिया और सांस से जुड़ी बीमारियां
- जोड़ों व मांसपेशियों में तेज दर्द
- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
- अस्थमा व हृदय रोगियों में जटिलताओं का बढ़ना
- बच्चों और बुज़ुर्गों में हाइपोथर्मिया का खतरा
शरीर ठंड लगने के जो संकेत देता है
ठंड का असर बढ़ने से पहले शरीर कई लक्षण दिखाता है, जिन्हें पहचानना जरूरी है।
- बिना कारण ठिठुरन और लगातार कंपकंपी
- हाथ-पैर, उंगलियां या कान-नाक का ठंडा और सुन्न पड़ना
- त्वचा का रंग पीला, नीला या लाल दिखाई देना
- अचानक कमजोरी, सुस्ती और थकान
- बोलते समय आवाज का लड़खड़ाना
- चक्कर आना या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- दिल की धड़कन का धीमा पड़ना
- अत्यधिक नींद आना या बेहोशी जैसा अहसास
बच्चों और बुज़ुर्गों में दिखने वाले खास संकेत
- बिना वजह लगातार रोना या बहुत शांत हो जाना
- शरीर का जरूरत से ज्यादा ठंडा महसूस होना
- सुस्ती और सामान्य गतिविधियों में कमी
कब तुरंत सतर्क हो जाएं?
अगर कंपकंपी रुक न रही हो, सांस लेने में परेशानी हो, बहुत ज्यादा सुस्ती या बेहोशी महसूस हो, या शरीर का तापमान सामान्य से काफी कम हो जाए—तो इसे गंभीर स्थिति मानें और तुरंत इलाज की ओर कदम बढ़ाएं।
ठंड लगने पर तुरंत क्या करें
- शरीर को गर्म रखने के लिए मोटे कपड़े, मोज़े और टोपी पहनें
- कंबल या रजाई ओढ़कर गर्म माहौल में रहें
- गुनगुना पानी, अदरक की चाय, सूप या हल्दी वाला दूध लें
- गुनगुने पानी से हाथ-पैर सेंकें
- हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि करें ताकि रक्त संचार बना रहे
- सरसों या तिल के तेल से मालिश करें
- ठंडी हवा, पंखे या एसी से दूरी बनाए रखें
जरूरी सलाह
सर्दियों में शरीर के संकेतों को हल्के में न लें। खुद को गर्म रखना, संतुलित आहार लेना और समय पर सावधानी बरतना ही ठंड से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना सुरक्षित रहता है।



