
भाटापारा। गुरुवार, 18 दिसम्बर को शुष्क दिवस के चलते नगर की सभी सरकारी शराब दुकानें बंद रहेंगी, लेकिन इसके बावजूद शहर की गलियों और मोहल्लों में शराब की उपलब्धता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ होटल, ढाबों और कोचियों के पास पहले से ही भारी मात्रा में शराब का स्टॉक जमा कर लिया गया है, जिसे शुष्क दिवस के दौरान ऊंचे दामों पर बेचने की पूरी तैयारी है।
शहर में हर शुष्क दिवस पर यही तस्वीर सामने आती है। सरकारी दुकानों के शटर तो समय पर गिरा दिए जाते हैं, लेकिन अवैध ठिकानों से शराब की सप्लाई बेरोकटोक जारी रहती है। इससे आबकारी विभाग की निगरानी और कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन वास्तव में सख्ती बरतें और होटल, ढाबों व अन्य संदिग्ध स्थानों पर सघन जांच अभियान चलाएं, तो अवैध शराब बिक्री पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। हालांकि अब तक के अनुभवों को देखते हुए लोगों में आशंका बनी हुई है कि कहीं यह कार्रवाई भी केवल औपचारिकता बनकर न रह जाए।
इस संबंध में आबकारी अधिकारी दिनेश साहू ने कहा कि “संदिग्ध स्थानों पर नजर रखी जाएगी। हालांकि हमारा कार्यक्षेत्र काफी बड़ा है और बल की कमी भी है।”
वहीं भाटापारा एसडीओपी तारेश साहू ने बताया कि पुलिस द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। “पूर्व में शराब तस्करी या अवैध बिक्री में पकड़े गए लोगों की सूची तैयार की गई है। कहीं से भी सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि शुष्क दिवस पर प्रशासन नियमों का सख्ती से पालन करवा पाता है या फिर एक बार फिर कानून व्यवस्था केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है।



