उड़ान अव्यवस्था पर DGCA सख्त: चार अधिकारी निलंबित, इंडिगो प्रमुख से पूछताछ की तैयारी

नई दिल्ली : भारत की विमानन प्रणाली पहले ही अभूतपूर्व दबाव से गुजर रही थी कि इसी बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को एक बड़ा प्रशासनिक दांव खेलते हुए अपने चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों (FOI) को तत्काल सेवा से हटा दिया। ये अफसर पायलटों के प्रशिक्षण मानकों, एयरलाइनों की सुरक्षा प्रक्रियाओं और उड़ान संचालन के अनुपालन पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाते थे। अचानक हुई इस कार्रवाई ने पूरे विमानन क्षेत्र में हलचल मचा दी है।
इसी उथल-पुथल के बीच इंडिगो एयरलाइंस से जुड़े संकट ने चिंताजनक मोड़ ले लिया है। माना जा रहा है कि कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स को आज DGCA के कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है।
इंडिगो संकट ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
इंडिगो एयरलाइन पिछले एक सप्ताह में ऐसे व्यवस्थागत ढहाव से गुज़री है जैसा भारतीय एविएशन में पहले कभी नहीं देखा गया। बीते शुक्रवार अचानक देशभर में एयरलाइन की 1,600 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं—जो अपने आप में एक ऐतिहासिक अव्यवस्था थी।
मुख्य कारण बताया जा रहा है कि एयरलाइन FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन्स) के दूसरे चरण को लागू करने में नाकाम रही, साथ ही क्रू प्रबंधन और शेड्यूलिंग में जबरदस्त अव्यवस्था सामने आई। केंद्र सरकार ने भी साफ कहा है कि इंडिगो की खराब प्लानिंग ने ही यह संकट खड़ा किया है।
सरकार का कड़ा रुख — यात्रियों को तुरंत राहत देने के निर्देश
इंडिगो की गड़बड़ी का सीधा असर लाखों यात्रियों पर पड़ा। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आदेश दिए हैं कि रद्द उड़ानों का रिफंड जल्दी से जल्दी दिया जाए।
इसके साथ ही अन्य एयरलाइनों को भी निर्देश मिला है कि वे किराए में अनियमित बढ़ोतरी न करें, ताकि यात्रियों की मजबूरी का गलत फायदा न उठाया जा सके।
यही नहीं, DGCA ने इंडिगो को रोजाना संचालित की जाने वाली उड़ानों में 10% की कटौती करने का भी आदेश दिया है, ताकि सिस्टम पर दबाव कम हो सके। वर्तमान शीतकालीन शेड्यूल की तुलना में अब एयरलाइन लगभग 1,950 उड़ानें प्रतिदिन संचालित करेगी, जिसमें लगभग 3 लाख यात्रियों के सफर का अनुमान है।
DGCA ने इंडिगो मुख्यालय में तैनात किए अधिकारी
हालात बिगड़ने पर गुरुवार को DGCA ने अपने निरीक्षकों को इंडिगो के मुख्यालय में भेज दिया ताकि वे सीधे नियंत्रण कक्ष में बैठकर इकाई के कामकाज की निगरानी कर सकें।
उसी दिन दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट से ही 200 से ज्यादा उड़ानों के रद्द होने की खबरें आईं।
चौंकाने वाला खुलासा — इंडिगो ने पहले चेतावनी नहीं दी थी
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में बताया कि 1 दिसंबर को सरकार और एयरलाइनों की बैठक हुई थी, लेकिन उस समय इंडिगो ने किसी भी संभावित संकट की जानकारी नहीं दी थी। ऐसे में अचानक आई यह अव्यवस्था और भी गंभीर और अप्रत्याशित मानी जा रही है।
देश का सबसे बड़ा विमानन नेटवर्क आज दबाव में है और DGCA द्वारा अधिकारियों का निलंबन तथा इंडिगो अधिकारियों की संभावित तलब यह दिखाता है कि आने वाले दिनों में विमानन क्षेत्र में और कड़े कदम देखने को मिल सकते हैं।



