वेब यूज़र्स के लिए खुशखबरी, WhatsApp ने किया बड़ा फीचर अपडेट

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग द्वारा मैसेजिंग ऐप्स के लिए जारी किए गए नए दिशानिर्देशों का सीधा असर अब WhatsApp Web, Telegram Web, Signal Web जैसे प्लेटफॉर्म पर दिखाई देगा। नए नियमों के तहत वेब प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले यूजर्स को हर छह घंटे में अनिवार्य रूप से लॉग आउट करना पड़ेगा।
सरकार की ओर से हाल ही में जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि अब सभी वेब-आधारित मैसेजिंग सेवाओं का संचालन उस सिम कार्ड से जुड़ा होना चाहिए, जिसके नाम पर उपयोगकर्ता का पंजीकरण है। यानी ऐप की पहचान और उसकी सर्विस उसी सिम से वेरीफाई होगी। यदि फोन में सिम मौजूद नहीं है या उसकी सेवा बंद है, तो संबंधित ऐप की वेब सर्विस स्वतः बंद हो जाएगी।
नए नियमों के अनुसार:
- उपयोगकर्ता को हर छह घंटे में वेब लॉगिन दोबारा करना होगा।
- यदि डिवाइस में मूल सिम 90 दिनों तक सक्रिय नहीं रहती, तो उपयोगकर्ता उन ऐप्स की सर्विस को एक्सेस नहीं कर पाएगा।
- सभी प्लेटफॉर्म को चार महीने के भीतर सरकार को अनुपालन रिपोर्ट सौंपनी होगी।
सरकार का कहना है कि यह कदम मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग कर होने वाली धोखाधड़ी, स्पैम और साइबर ठगी जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है। कई मामलों में पाया गया था कि विदेश से बिना सिम के व्हाट्सएप और अन्य ऐप्स का उपयोग कर ठगी की जाती थी। सिम-बेस्ड पहचान होने से किसी संदिग्ध गतिविधि को ट्रैक करना आसान होगा।
नए नियम टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी अमेंडमेंट, 2025 का हिस्सा हैं, जिसमें प्लेटफॉर्म्स को सिम में मौजूद IMSI (इंटरनेशनल मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी) तक पहुंच मुहैया कराने की आवश्यकता होगी। इससे WhatsApp जैसी कंपनियों को अपने भारतीय यूजर्स के लिए सिस्टम संरचना में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं।
हालाँकि टेक कंपनियों ने इन शर्तों पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि लगातार सिम-चेक और हर छह घंटे में ऑटो-लॉगआउट जैसी शर्तें यूजर प्राइवेसी और मल्टी-डिवाइस फीचर को प्रभावित करेंगी। लेकिन टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है।
सरकार ने साफ किया है कि ये नियम साइबर अपराध और फर्जी खातों पर सख्त कार्रवाई के लिए जरूरी हैं।



