लाल आतंक पर बड़ा कदम: नक्सलियों ने तीन राज्यों के CM को लिखा पत्र, सरेंडर के लिए मांगा समय
नई दिल्ली: देश में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के निर्णायक अभियान के बीच एक ऐतिहासिक और सकारात्मक खबर सामने आई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय ‘स्पेशल जोनल कमेटी’ (MMC जोन) के नक्सलियों ने अब हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने का मन बना लिया है।
एमएमसी जोन के नक्सलियों ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों—महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय—को एक संयुक्त पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि वे सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव के पीछे उनके पूर्व वरिष्ठ साथियों का प्रभाव प्रमुख कारण है। पत्र में उन्होंने अपने पुराने साथियों भूपति और सतीश के अनुभवों का उल्लेख किया, जिन्होंने क्रमशः महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में सरेंडर किया था। उनके सफल पुनर्वास और मुख्यधारा में सुरक्षित जीवन को देखते हुए एमएमसी जोन के बाकी नक्सलियों ने भी अब जंगल और हथियार छोड़ने का फैसला किया है।
एमएमसी जोन नक्सलियों का एक मजबूत गढ़ माना जाता है, इसलिए इस प्रस्ताव को सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए बड़ी रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। खास बात यह है कि नक्सली एक-एक कर नहीं बल्कि पूरे जोन के कैडर के साथ सामूहिक सरेंडर करना चाहते हैं।
सरकार से उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए 15 फरवरी 2026 तक का समय दिया जाए, ताकि जंगल में बिखरे सभी साथियों को एक मंच पर लाया जा सके और सामूहिक निर्णय अंतिम रूप में लिया जा सके।
सुरक्षा एजेंसियां इस प्रस्ताव को गंभीरता से देख रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सामूहिक सरेंडर सफल होता है, तो मध्य भारत में नक्सलवाद की कमर टूट सकती है और यह देश के शांति प्रयासों में एक बड़ा मोड़ साबित होगा।



