भारत की समुद्री सीमा अब और मजबूत—पहला माहे-क्लास शेलो वॉटर क्राफ्ट हुआ कमिशन

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में सोमवार को एक नया अधिग्रहण जुड़ गया, जब उथले समुद्री क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी अभियान चलाने में सक्षम ‘माहे’ को औपचारिक रूप से बेड़े का हिस्सा बनाया गया। यह शेलो वॉटर क्राफ्ट गुप्त अभियानों, सतर्क समुद्री निगरानी और रणनीतिक दृढ़ता का प्रतीक माना जा रहा है।
नौसेना अधिकारियों के अनुसार, ‘माहे’ को तटीय सीमाओं में खतरे की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्नत तकनीक और तेज गतिशील क्षमताओं के चलते यह जहाज उथले समुद्री क्षेत्रों में पनडुब्बियों की पहचान और उनका निष्प्रभावीकरण करने में विशेष दक्षता रखता है।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस युद्धपोत के निर्माण में 80 प्रतिशत से अधिक सामग्री भारत में निर्मित है। जहाज में अत्याधुनिक सेंसर, आधुनिक इंटीग्रेशन सिस्टम और हथियारों की उन्नत क्षमताएं शामिल हैं। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में क्राफ्ट को नौसेना में शामिल किया गया। इस समारोह में वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, नौसेना अधिकारी, पूर्व सैनिक और आमंत्रित अतिथि भी उपस्थित रहे।
‘माहे’ नाम मालाबार तट के उस प्राचीन नगर पर आधारित है, जो अपनी समुद्री धरोहर और सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है। 24 नवंबर को इस वर्ग का पहला शेलो वॉटर एंटी-सबमरीन क्राफ्ट भारतीय नौसेना के आधिकारिक बेड़े में शामिल हुआ, जो देश की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं की मजबूत पहचान भी पेश करता है। इस वर्ग के कुल आठ क्राफ्ट नौसेना में जोड़े जाने हैं, जिनमें ‘माहे’ सबसे पहला है।
नौसेना का मानना है कि यह जहाज तटीय सुरक्षा, समुद्री निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया, बंदरगाह सुरक्षा और समुद्री मार्गों की रक्षा जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस में पर्याप्त वृद्धि होगी।
जहाज के क्रेस्ट में ‘उरुमि’—कलारीपयट्टू की पारंपरिक लचीली तलवार—का अंकन किया गया है, जो गति, सटीक वार, रणनीतिक कौशल और समुद्री खतरों से निपटने की क्षमता का प्रतीक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘माहे’ की तैनाती सिर्फ नए जहाज की कमीशनिंग नहीं, बल्कि भारत की समुद्री रक्षा इंजीनियरिंग, डिजाइन से लेकर निर्माण तक की परिपक्व क्षमता का स्पष्ट प्रमाण है। इसे स्वदेशी युद्धपोतों के एक नए दौर की शुरुआत माना जा रहा है।



