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सेहत का खजाना: 8 जड़ी-बूटियाँ जो बढ़ाएँगी इम्युनिटी

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अष्टांग लेह : आयुर्वेद की प्राचीन परंपरा में अष्टांग लेह को एक शक्तिशाली दवा के रूप में जाना जाता है। यह आठ प्रभावी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जिनमें आंवला, गिलोय, शतावरी, अश्वगंधा, विदारीकंद, पिप्पली, हरीतकी और मुलेठी शामिल हैं। इन तत्वों का संतुलित मेल शरीर की शक्ति बढ़ाने, पाचन सुधारने और बीमारियों से सुरक्षा देने में खास भूमिका निभाता है।

आंवला और गिलोय: इम्युनिटी के दो मजबूत स्तंभ

आंवला अष्टांग लेह का सबसे महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। यह प्राकृतिक विटामिन–C का सबसे बड़ा स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
गिलोय शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है और रक्त को शुद्ध रखने में सहायता करती है। दोनों ही तत्व शरीर को संक्रमणों से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

एनर्जी बढ़ाए और तनाव कम करे

अष्टांग लेह में मौजूद शतावरी और अश्वगंधा शरीर को भीतर से पोषण देती हैं। इनके सेवन से ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है, मानसिक तनाव कम होता है और शारीरिक–मानसिक थकान दूर होती है।
वहीँ विदारीकंद स्त्री और पुरुष दोनों के हार्मोनल एवं प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कारगर माना जाता है।

पिप्पली पाचन क्रिया को तेज करती है, भूख बढ़ाती है और औषधियों के अवशोषण को बेहतर बनाती है।
हरीतकी कब्ज दूर करने, त्वचा को साफ रखने और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने में मददगार है।
मुलेठी गले और श्वसन तंत्र पर आरामदायक प्रभाव डालती है और खांसी-सर्दी में राहत देती है।

शरीर को मजबूत बनाने में सहायक

इन सभी औषधीय गुणों की वजह से अष्टांग लेह का नियमित सेवन शरीर को मजबूत बनाने में बेहद फायदेमंद माना जाता है।यह उन लोगों के लिए खास उपयोगी है जो—

  • हमेशा थकान महसूस करते हैं
  • कमजोरी या तनाव से परेशान रहते हैं
  • बार-बार बीमार पड़ते हैं
  • पाचन समस्या या पोषण की कमी से जूझते हैं

अष्टांग लेह पाचन प्रणाली को दुरुस्त रखता है, जिससे शरीर को भोजन से पूरा पोषण मिलता है। खांसी, गले की खराश और हल्की श्वसन समस्याओं में भी यह राहत देता है।

कैसे करें सेवन?

आयुर्वेद में इसके पारंपरिक सेवन का तरीका सुबह और शाम गुनगुने पानी या दूध के साथ थोड़ी मात्रा में लेना बताया गया है।हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक दवा की तरह इसे वैद्य या डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना सबसे सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है।

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Kailash Jaiswal

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