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उमरा यात्रियों की दर्दनाक मौत: 45 भारतीयों का सऊदी में दफन, राहत राशि पर संकट

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नई दिल्ली। सऊदी अरब के मक्का–मदीना हाईवे पर रविवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में उमरा के लिए गए 45 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद तेलंगाना सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार सऊदी अरब में ही स्थानीय धार्मिक रीति–रिवाजों के अनुसार किया जाएगा।

तेलंगाना कैबिनेट की आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक मृतक परिवार से दो सदस्यों को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सऊदी भेजा जाएगा। कुछ रिपोर्टों में परिजनों को शव भारत लाने या मदीना के जन्नतुल बकी में दफनाने का विकल्प दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन सऊदी कानून के तहत शवों की वापसी लगभग असंभव मानी जाती है।

मुआवजा प्रक्रिया लंबी, तुरंत राहत की उम्मीद नहीं

हादसे में मारे गए भारतीयों के परिजनों को तत्काल मुआवजा मिलने की संभावना कम है। सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं में सरकार की ओर से कोई प्रत्यक्ष मुआवजा नहीं दिया जाता।

परिजनों को मुआवजा तभी मिल सकेगा जब पुलिस जांच में फ्यूल टैंकर चालक या संबंधित कंपनी की लापरवाही साबित हो और परिवार कानूनी दावा प्रस्तुत करे—यह प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है। वहीं तेलंगाना सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

तीर्थयात्रियों के शव वापस न भेजने का नियम

हज और उमरा यात्रियों के लिए यात्रा से पूर्व भरे जाने वाले दस्तावेजों में यह स्पष्ट लिखा होता है कि सऊदी अरब में मृत्यु होने की स्थिति में शव वहीं दफनाया जाएगा। गैर–तीर्थयात्रियों के मामलों में परिवार की इच्छा के अनुसार शव भारत भेजा जा सकता है, लेकिन उमरा यात्रियों पर यह नियम अनिवार्य होता है।

बस सड़क किनारे खड़ी थी, पीछे से आया तेज रफ्तार टैंकर

हादसा रविवार रात भारतीय समयानुसार करीब 1:30 बजे मदीना से 25 किमी दूर मुहरास क्षेत्र में हुआ। हैदराबाद पुलिस के अनुसार 9 नवंबर को कुल 54 लोग उमरा यात्रा के लिए सऊदी गए थे, जिनकी वापसी 23 नवंबर को तय थी। दुर्घटना के समय बस में 46 लोग सवार थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उमरा यात्रियों की बस सड़क किनारे खड़ी थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आया फ्यूल टैंकर सीधे बस से टकरा गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस क्षतिग्रस्त होकर पूरी तरह झुलस गई।

18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल; एकमात्र जीवित बचा युवक अस्पताल में

मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। हादसे में केवल एक युवक—मोहम्मद अब्दुल शोएब (24 वर्ष)—जीवित बच पाया है। वह ड्राइवर के पास की सीट पर बैठा हुआ था। गंभीर रूप से घायल शोएब का इलाज सऊदी के सरकारी अस्पताल में जारी है।

हादसे में मारे गए लोगों में 18 सदस्य एक ही परिवार के थे, जिनमें 9 बच्चे और 9 वयस्क शामिल थे।

इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है, जबकि पीड़ित परिजनों की आर्थिक और कानूनी लड़ाई अब शुरू होने वाली है।

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Kailash Jaiswal

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