भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस

रायपुर : छत्तीसगढ़ में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को 15 नवंबर को राज्यभर के सभी जिलों में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिलों में विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, सांसद और विधायक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन इस अवसर पर सीधा प्रसारण के माध्यम से देखा जा सकेगा। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लोगों के लिए भी इसे देखने और सुनने की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री का संदेश पत्र वाचन और “पीएम जनमन”, “आदि कर्मयोगी”, “धरती आबा” जैसी योजनाओं पर आधारित लघु फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी।
मुख्य आयोजन स्थल बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में होगा, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि रहेंगे। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप और विधायक किरण सिंह देव विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।
अन्य जिलों में उपरोक्त कार्यक्रमों के प्रमुख अतिथियों की सूची इस प्रकार है:
- दुर्ग: उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा
- बिलासपुर: उप मुख्यमंत्री अरूण साव
- रायपुर: केंद्रीय राज्यमंत्री तोखनलाल साहू
- राजनांदगांव: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
- बलरामपुर: कृषि मंत्री रामविचार नेताम
- बेमेतरा: खाद्य मंत्री दयालदास बघेल
- मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
- कोरबा: उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन
- रायगढ़: राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा
- सरगुजा: वित्त मंत्री ओपी चौधरी
- जांजगीर-चांपा: महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े
- महासमुंद: कौशल विकास तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब
- कांकेर: स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव
- कोरिया: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल
बलौदाबाजार-भाटापारा, सूरजपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कबीरधाम, बालोद, गरियाबंद, जशपुर, सक्ती, बीजापुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुहल्ला-मानपुर चौकी, धमतरी, कोण्डागांव, मुंगेली, नारायणपुर, सुकमा और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिलों में सांसद एवं विधायक मुख्य अतिथि होंगे।
कार्यक्रम में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, जनजातीय समुदाय के प्रमुखों, और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया जाएगा। इसके साथ ही जनजातीय संस्कृति, कला, व्यंजन, हस्तशिल्प, और सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
स्कूलों, आश्रम शालाओं और आवासीय विद्यालयों में भी इस अवसर पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया जा सके।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ में जनजातीय पहचान और सांस्कृतिक समृद्धि को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है।



