सीताफल (Sharifa): सर्दियों का मीठा खजाना — जानिए फायदे, सही समय और खाने के तरीके

नारी डेस्क | सर्दियों के मौसम में बाज़ारों में मिलने वाला मलाईदार और मीठा फल शरीफ़ा (सीताफल) न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। अंग्रेज़ी में इसे Custard Apple कहा जाता है। इसकी मुलायम बनावट और पोषक तत्वों से भरपूर गुण इसे हर उम्र के लोगों के लिए एक बेहतरीन फल बनाते हैं।
शरीफ़ा क्या है?
शरीफ़ा गोल आकार का हरा फल होता है, जिसकी ऊपरी सतह पर हल्के उभार (स्केल्स) होते हैं। अंदर सफेद क्रीमी गूदा और काले बीज पाए जाते हैं। इसमें विटामिन C, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा और रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
शरीफ़ा कब मिलता है?
यह फल सितंबर से दिसंबर के बीच सबसे अधिक उपलब्ध होता है। यह मौसम शरीफ़ा का स्वाद और पोषण दोनों को अपने चरम पर पहुंचाता है। ताज़ा शरीफ़ा खाने से शरीर में गर्माहट के साथ-साथ ठंडक का संतुलन बना रहता है।
शरीफ़ा के 10 अद्भुत फायदे
- तुरंत ऊर्जा देता है – इसमें प्राकृतिक शर्करा होती है जो थकान मिटाकर ऊर्जा बढ़ाती है।
- पाचन सुधारता है – फाइबर की अधिकता कब्ज़ को दूर रखती है।
- त्वचा को चमकदार बनाता है – विटामिन C त्वचा को ग्लोइंग और स्वस्थ रखता है।
- बालों के लिए लाभकारी – आयरन और मैग्नीशियम बालों की जड़ों को मजबूत करते हैं।
- दिल को स्वस्थ रखता है – फाइबर और मिनरल्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं।
- ब्लड प्रेशर संतुलित करता है – पोटैशियम और मैग्नीशियम रक्तचाप नियंत्रित करते हैं।
- बेहतर नींद में मदद करता है – शरीफ़ा का मैग्नीशियम मन को शांत रखता है।
- खून बढ़ाता है – इसमें मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
- इम्यून सिस्टम मजबूत करता है – विटामिन C संक्रमण से बचाव करता है।
- वजन को संतुलित रखता है – सीमित मात्रा में सेवन से वजन नियंत्रित रहता है।
शरीफ़ा ठंडा होता है या गरम?
आयुर्वेद के अनुसार शरीफ़ा ठंडी तासीर वाला फल है। यह शरीर में गर्मी और एसिडिटी को कम करता है। हालांकि, सर्दियों में इसे दिन के समय खाना सबसे उचित माना जाता है ताकि ठंडक से शरीर पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
- शरीफ़ा खाने का सही समय
- शरीफ़ा दोपहर या शाम के समय खाना बेहतर होता है।
- सुबह खाली पेट या रात को देर से खाने से बचें।
- रात में खाने पर पाचन धीमा हो सकता है और गैस की समस्या बढ़ सकती है।
क्या शरीफ़ा से वजन बढ़ता है?
शरीफ़ा में कैलोरी और शुगर की मात्रा मध्यम होती है। अगर इसे रोज़ाना अधिक मात्रा में खाया जाए तो वजन बढ़ सकता है। लेकिन हफ्ते में 2-3 बार एक फल खाने से यह शरीर को ताकत देता है और वजन नियंत्रित रखता है।
डायबिटीज़ वाले क्या खा सकते हैं?
डायबिटीज़ के मरीजों को शरीफ़ा सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
एक छोटा टुकड़ा हफ्ते में एक बार लेना सुरक्षित माना जाता है। सेवन से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह अवश्य लें।
शरीफ़ा कैसे खाएं?
शरीफ़ा को छीलकर उसका सफेद गूदा चम्मच से खाएं।
इसे ठंडा कर या मिल्कशेक, स्मूदी और आइसक्रीम में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
ध्यान रखें — इसके बीज न खाएं, क्योंकि ये पचते नहीं हैं और नुकसान कर सकते हैं।
शरीफ़ा के नुकसान
- अधिक सेवन से ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
- ठंडी तासीर के कारण जुकाम या गले में खराश हो सकती है।
- ज़्यादा खाने पर पाचन में भारीपन महसूस हो सकता है।



