सरदार पटेल की जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 और 31 अक्टूबर को दो दिन के गुजरात प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
एकता नगर से होगी विकास परियोजनाओं की शुरुआत
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, मोदी 30 अक्टूबर को केवड़िया स्थित एकता नगर पहुंचेंगे। यहां वे 1,140 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास एवं अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें पर्यटन, हरित ऊर्जा, यातायात और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री इस अवसर पर ई-बसों को हरी झंडी दिखाएंगे और नई चार्जिंग सुविधाओं का भी शुभारंभ करेंगे।
शाम को वे बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय (राजपीपला), हॉस्पिटैलिटी डिस्ट्रिक्ट (फेज-1), वामन वृक्ष वाटिका, सप्तपुड़ा प्रोटेक्शन वॉल, ई-बस चार्जिंग डिपो, 25 इलेक्ट्रिक बसें, नर्मदा घाट विस्तार और स्मार्ट बस स्टॉप्स (फेज-2) जैसी कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। साथ ही, म्यूजियम ऑफ रॉयल किंग्डम्स ऑफ इंडिया, वीर बालक उद्यान, रेन फॉरेस्ट प्रोजेक्ट, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और ट्रैवलेटर जैसी परियोजनाओं की नींव रखेंगे।
सरदार पटेल की जयंती पर विशेष सिक्का और डाक टिकट का विमोचन
प्रधानमंत्री सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर ₹150 मूल्य का एक विशेष स्मारक सिक्का और स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे।
31 अक्टूबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह
दूसरे दिन यानी 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पहुंचकर सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लेंगे, एकता की शपथ दिलाएंगे और परेड का निरीक्षण करेंगे।
इस वर्ष की परेड “एकता में विविधता” विषय पर आधारित होगी, जिसमें देशभर की 10 झांकियां शामिल होंगी — एनएसजी, एनडीआरएफ, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, अंडमान-निकोबार, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी की सांस्कृतिक झलकियां प्रदर्शित की जाएंगी। करीब 900 कलाकार भारत की विविध परंपराओं का प्रदर्शन करेंगे।
नवप्रशिक्षित सिविल सर्विस अधिकारियों से करेंगे संवाद
प्रधानमंत्री अपने दौरे के समापन पर आरंभ 7.0 कार्यक्रम के तहत 100वें फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं से संवाद करेंगे। इस बार कार्यक्रम का विषय “Reimagining Governance” रखा गया है। इसमें भारत की 16 सिविल सेवाओं और भूटान की 3 सिविल सेवाओं के कुल 660 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं।
यह दो दिवसीय दौरा विकास, एकता और सुशासन के नए संकल्पों के साथ गुजरात के लिए कई ऐतिहासिक घोषणाओं का साक्षी बनेगा।



