दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति की नई लहर, कंबोडिया और थाईलैंड ने किया समझौता

कुआलालंपुर। दशकों से चल रहे तनाव और सीमा विवाद को समाप्त करते हुए कंबोडिया और थाईलैंड ने आज रविवार को एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में संपन्न हुआ, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मलेशियाई प्रधानमंत्री व ASEAN अध्यक्ष अनवर इब्राहिम की मौजूदगी रही। दोनों नेताओं ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मध्यस्थता की भूमिका निभाई।
समझौते पर कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ASEAN देशों के प्रतिनिधि, कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और वैश्विक राजनयिक भी उपस्थित थे। इसे क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आर्थिक कूटनीति शांति बनाए रखने का एक प्रभावी साधन है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने इस मौके पर दो और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए—एक कंबोडिया के साथ नया व्यापार समझौता और दूसरा थाईलैंड के साथ रणनीतिक खनिज साझेदारी। ट्रंप ने कहा, “जब तक देश शांति में रहेंगे, हम उनके साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाए रखेंगे। व्यापार का सही इस्तेमाल शांति सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।”
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि यह समझौता नोम पेन्ह और बैंकॉक के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नए युग की शुरुआत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “किसी भी विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना संभव है। यह समझौता पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता का संदेश देता है।”
विशेषज्ञों के अनुसार, इस ऐतिहासिक समझौते से दोनों देशों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद और सैन्य तनाव का अंत हुआ है। इसे ASEAN क्षेत्र में शांति और सहयोग की नई मिसाल माना जा रहा है, जो पूरे क्षेत्र में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देगा।



