कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने तैयार सरकार, पीएम मोदी ने लॉन्च की दो बड़ी योजनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसानों को समर्पित एक विशेष कार्यक्रम में भारत की कृषि प्रगति का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है, जबकि अनाज उत्पादन में 900 लाख मीट्रिक टन और फल-सब्जी उत्पादन में 640 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है।
इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने दो नई योजनाओं — ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ — की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं “किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम” साबित होंगी। इन योजनाओं पर सरकार लगभग 35 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती और किसान भारत की विकास यात्रा के केंद्र में रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीज से लेकर बाजार तक कई अहम सुधार किए गए हैं, जिनका सीधा लाभ देश के किसानों को मिल रहा है।
“भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। शहद उत्पादन 2014 की तुलना में दोगुना हुआ है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 6 नई फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां स्थापित की गई हैं, 25 करोड़ से अधिक सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को वितरित किए गए हैं, और 100 लाख हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक करीब 2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक देश में 10 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए जा चुके हैं, जिससे किसानों को सामूहिक रूप से बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में महिलाएं भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं और उनके योगदान को सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा —
“देश को विकसित बनाने के लिए हमें हर क्षेत्र में निरंतर सुधार करना होगा। यही सोच ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ की प्रेरणा है, जो आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से निकली है।”
आकांक्षी जिलों के उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वंचितों को वरीयता और पिछड़ों को प्राथमिकता दी जाती है, तो नतीजे असाधारण होते हैं। आज इन जिलों में मातृ मृत्यु दर में कमी, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के समापन पर कहा कि आने वाले वर्षों में भारत “कृषि निर्यात और आत्मनिर्भर उत्पादन दोनों में विश्व नेता बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।”