9 दिन के नवरात्रि व्रत के बाद शरीर में दिखते हैं ये परिवर्तन, जानें कैसे करें सही आहार की शुरुआत

नई दिल्ली : नवरात्रि का उद्यापन कोई अष्टमी, कोई नवमी तो कोई दशमी को करता है। एक सप्ताह से अधिक उपवास के बाद जब व्रत खोला जाता है, तो भक्त पूरी आस्था के साथ मां जगतजननी के चरणों में सर्वस्व समर्पित कर देते हैं। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि लंबे व्रत के बाद आहार लेने में लापरवाही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर सकती है।
वैज्ञानिक कारण
रिसर्च बताते हैं कि लगातार उपवास करने से पाचन तंत्र की गति धीमी पड़ जाती है। पेट और आंतों में एंजाइम्स व एसिड का स्तर घट जाता है, मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (जैसे सोडियम, पोटैशियम) की संभावना बढ़ जाती है। इस वजह से व्रत खत्म करते समय अचानक भारी भोजन लेने से अपच, पेट फूलना, एसिडिटी, उल्टी, दस्त जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
आयुर्वेद और रिसर्च दोनों की राय
आयुर्वेदिक ग्रंथों से लेकर हाल के वैज्ञानिक अध्ययनों तक, सभी मानते हैं कि व्रत के बाद धीरे-धीरे और संतुलित आहार से शुरुआत करनी चाहिए। नेचर मेटाबॉलिज्म में 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि तीन दिन का उपवास भी शरीर के हजारों प्रोटीन में परिवर्तन करता है, जिससे चयापचय की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
क्या करें व्रत खोलते समय
- सबसे पहले तरल पदार्थ लें — जैसे पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, दही या छाछ।
- इसके बाद हल्का सूप, फलों का रस और पके हुए फल शामिल करें।
- पहले दिन मसालेदार, तले-भुने और वसायुक्त भोजन से बचें।
- छोटे-छोटे हिस्सों में भोजन करें और धीरे-धीरे सामान्य डाइट पर लौटें।
विशेषज्ञों के अनुसार, व्रत केवल आस्था और आत्मसंयम का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह शरीर के लिए डिटॉक्स का अवसर भी देता है। मगर इसके लिए जरूरी है कि व्रत तोड़ते समय धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सावधानी बरती जाए।