राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन अंतर्गत 07 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

भाटापारा। कृषि विज्ञान केन्द्र भाटापारा में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन अंतर्गत 07 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का आयोजन 22 से 28 सितम्बर 2025 तक किया गया। इस प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न विकासखण्डों से आए कृषक एवं मधुमक्खी पालक शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. एच.एल. सोनबोईर, अधिष्ठाता दाऊ कल्याण सिंह कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, भाटापारा ने मधुमक्खी की उपयोगिता एवं कृषि उत्पादन बढ़ाने में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन किसानों की आय दोगुनी करने का एक सशक्त साधन है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. अंगद सिंह राजपूत ने मधुमक्खी पालन प्रबंधन तकनीक, शहद उत्पादन, मोम प्रसंस्करण एवं विपणन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी सामाजिक कीट होने के साथ-साथ किसानों का सच्चा मित्र भी है।
प्रशिक्षण समन्वयक डाॅ. सागर आनंद पाण्डेय ने मधुमक्खी पालन के इतिहास से लेकर कालोनियों का प्रबंधन, प्रवास, छत्तों की देखरेख तथा रोग-कीट नियंत्रण की जानकारी दी। वहीं अन्य विशेषज्ञों ने मधुमक्खी पालन से जुड़ी तकनीक, उपकरण, संभावनाएं और आर्थिक महत्व पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण के पूर्व एवं पश्चात मूल्यांकन में अमरेन्द्र कुमार वर्मा प्रथम, संदीप मंडल द्वितीय एवं ओमप्रकाश निषाद तृतीय स्थान पर रहे जिन्हें पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रदीप कश्यप ने किया। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक धनेश्वर निषाद, वामन टिकरिया, संतोष दक्षिणे, शिवप्रसाद टंडन सहित 25 कृषक विशेष रूप से उपस्थित रहे।
यह प्रशिक्षण किसानों को मधुमक्खी पालन से जुड़े वैज्ञानिक ज्ञान एवं व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।