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छत्तीसगढ़

शारदीय नवरात्रि का पहला दिन: मां शैलपुत्री की आराधना से मिलेगी सुख-समृद्धि और शांति

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Sharadiya Navratri first day नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि पर्व की आज प्रतिपदा तिथि पर विधिवत शुरुआत हुई। पहले दिन भक्तजन नवदुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। पर्वत राज हिमालय की पुत्री और सती का अवतार मानी जाने वाली मां शैलपुत्री शक्ति, साहस और स्थिरता की प्रतीक हैं।

मां शैलपुत्री  की कथा :

एक बार प्रजापति दक्ष ने एक विशाल यज्ञ करवाया। उसमें सभी देवताओं को बुलाया लेकिन क्रोधवश शंकरजी को यज्ञ में नहीं बुलाया। सती तो जब पता चला कि पिताजी के यहां यज्ञ हो रहा है, तो उन्होंने वहां पर जाने की इच्छा जाहिर की। शंकर जी के काफी समझाने के बाद भी सती नहीं मानी तो शंकर जी ने उन्हें भेज दिया। सती ने पिता के यहां पहुंचकर देखा कि परिजनों का उनके प्रति व्यवहार ठीक नहीं है। कोई उनसे ठीक से बात नहीं कर रहा है। यह सब देखकर सती का हृदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से भर उठा। तब उनको भगवान शंकर की याद आई और उन्होंने उसी क्षण योगाग्नि द्वारा अपने को भस्म कर लिया और सती हो गई। उसके बाद से इनको सती के नाम से जाना गया। मां के इस रुप की आराधना का मंत्र है। वन्दे वाञ्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम। वृषारुदां शुलधरां शैलपुत्री यशाखिनीम।
पूजा विधि और महत्व:

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा स्थल पर मां के चित्र या प्रतिमा को लाल या सफेद वस्त्र पर स्थापित किया जाता है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र, सफेद फूल और दूध से बनी मिठाइयां बहुत प्रिय हैं। पूजा के दौरान मन को मूलाधार चक्र में स्थित किया जाता है, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा और सिद्धियों की प्राप्ति होती है। एक पान के पत्ते पर लौंग, सुपारी और मिश्री रखकर उसे माता को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा गाय के दूध से बनी बर्फी का भोग भी मां को अर्पित किया जाता है। पूजा के अंत में सिंदूर का तिलक और लाल पुष्प अर्पित कर घी का दीपक जलाना अनिवार्य होता है।

आध्यात्मिक महत्व:

मां के माथे पर अर्धचंद्र है, जो शक्ति और  शांति का प्रतीक है। त्रिशूल और कमल के फूल से उनकी ऊर्जा और सौंदर्य दोनों का संचार होता है। नंदी बैल पर सवार मां शैलपुत्री जीवन में स्थिरता, सामर्थ्य और साहस प्रदान करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां की आराधना से चंद्र दोष दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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Kailash Jaiswal

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