परिवर्तन यात्रा का अविस्मरणीय पल… जब मोदी ने मेरी बैठी आवाज़ पर जताई चिंता – अरुण साव

कुछ पल जीवन में हमेशा के लिए यादों में बस जाते हैं न केवल उनकी भव्यता के लिए, बल्कि उस आत्मीयता, स्नेह और सोच के लिए जो उनके पीछे छिपी होती है।
ऐसा ही एक पल मैंने अनुभव किया जब बिलासपुर में परिवर्तन यात्रा के समापन समारोह के दौरान, हेलीपेड पर मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत किया। उस क्षण उन्होंने मेरी पीठ थपथपाई और मुस्कुराते हुए कहा कि, “अध्यक्ष जी, आपकी परिवर्तन यात्रा तो बहुत अच्छी रही, पर आपका गला कैसे बैठ गया है?”
यह सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। एक क्षण के लिए लगा जैसे उन्होंने मेरे मन को पढ़ लिया हो। उसके बाद हर सभा और कार्यक्रम में वे मेरी आवाज का जिक्र करते थे। यानी एक सामान्य कार्यकर्ता की बैठी हुई आवाज तक पर उनकी नजर थी। और मेरी आवाज कैसे ठीक हो रही है, इसका भी उन्हें ख्याल था।
यह क्षण मेरे लिए बेहद खास था। मुझे महसूस हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी जी सिर्फ नेतृत्व नहीं करते, वे व्यक्तिगत रूप से हर व्यक्ति को समझते हैं, उनकी परवाह करते हैं और उनसे जुड़ते हैं।
उनकी यही संवेदनशीलता, सरलता और सादगी उन्हें अलग बनाती है, यही कारण है कि वे आज न केवल भारत के, बल्कि पूरी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उनका जीवन और नेतृत्व हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।
मोदी का जन्मदिवस हम सभी के लिए प्रेरणा का दिन है, यह सीखने का दिन है कि कैसे एक नेता बनकर भी दिल से इंसान बना रहा जा सकता है।