दूसरी सूची पर टिकी निगाहें: प्रदेश में कई निगम-मंडलों और सहकारी संस्थानों के प्रमुख पद अब भी खाली

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने करीब सवा साल हो चुका है, लेकिन अब जाकर प्रदेश सरकार ने 34 निगम-मंडलों में 36 पदों पर भाजपा नेताओं की नियुक्ति की है। हालांकि यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और कई पद अब भी रिक्त हैं। आधा दर्जन से अधिक पदों पर अभी भी तकनीकी या राजनीतिक अड़चनों के चलते नियुक्तियां लटकी हुई हैं, जिससे इन पदों पर कार्यभार ग्रहण नहीं हो सका है।
सूत्रों के अनुसार, जिन नेताओं की नियुक्तियों पर कोई विवाद या अड़चन नहीं है, वे क्रमशः पदभार ग्रहण कर रहे हैं और यह सिलसिला आगामी एक माह तक चलने की संभावना है। इन नियुक्तियों में भाजपा के प्रदेश संगठन से जुड़े लगभग 20 नेताओं को स्थान मिला है। साथ ही, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रखा गया है।
एससी वर्ग को पहली सूची में प्रतिनिधित्व नहीं
पहली सूची में अनुसूचित जाति वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया, जिससे कुछ असंतोष भी देखा गया। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि दूसरी सूची में एससी वर्ग सहित अन्य वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके अलावा, जिन नेताओं ने विधानसभा, लोकसभा और नगरीय निकाय चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी अथवा टिकट से वंचित रह गए थे, उन्हें भी इन पदों से संतुलित किया जाएगा।
कई अहम संस्थानों में नियुक्तियां शेष
अब भी दर्जनभर से अधिक निगम-मंडलों और सहकारी संस्थानों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य पद खाली हैं। इनमें छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन, अपेक्स बैंक, मार्कफेड, लघु वनोपज सहकारी संघ, फिल्म विकास निगम, मत्स्य महासंघ, हथकरघा संघ, सिंधी अकादमी, हज कमेटी और रायपुर विकास प्राधिकरण जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर सरकार और पार्टी संगठन के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है। परंतु अब भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया सामने आने के कारण, दूसरी सूची की घोषणा फिलहाल टल गई है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि नई सूची को अंतिम रूप देने से पहले उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति आवश्यक होगी।