पिछली गड़बड़ियों से सबक: संस्कृत बोर्ड परीक्षा में इस बार अंक एंट्री दिल्ली की एजेंसी करेगी, स्थानीय हस्तक्षेप नहीं

रायपुर। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा आयोजित नवमीं से बारहवीं तक की बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। इस बार परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद अंकों की एंट्री अब स्थानीय स्तर पर नहीं की जाएगी। इसके बजाय, यह कार्य दिल्ली की एक थर्ड पार्टी एजेंसी को सौंपा गया है।
पिछले सत्र में हुई अनियमितताओं के चलते यह निर्णय लिया गया है। जानकारी के अनुसार, पूर्व में कई छात्रों को मूल्यांकन में पासिंग मार्क्स तक नहीं मिले थे, फिर भी डेटा एंट्री के दौरान उन्हें मनमाने अंक देकर पास कर दिया गया था। कुछ फेल छात्र तो मेरिट सूची तक में आ गए थे। इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए इस बार अंक एंट्री और अंकसूचियों का निर्माण बाहरी एजेंसी द्वारा किया जाएगा। गोपनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से एजेंसी का नाम फिलहाल उजागर नहीं किया गया है।
नामांकन प्रक्रिया भी हुई सख्त
इस वर्ष कुल 3,082 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा से पूर्व नामांकन प्रक्रिया के तहत छात्रों की पात्रता की जांच की गई ताकि कोई भी अयोग्य छात्र परीक्षा में शामिल न हो सके। यह प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा मंडल की तर्ज पर ही संपन्न की गई।
केंद्रीय मूल्यांकन और शीघ्र परिणाम की उम्मीद
उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन रायपुर स्थित संस्कृत विद्यामंडलम कार्यालय में ही किया गया है। इसके लिए प्रदेशभर से 56 शिक्षकों को बुलाया गया, जिन्हें दूधाधारी मठ परिसर स्थित संस्कृत विद्यालय में ठहराया गया है। इस बार केंद्रीय मूल्यांकन प्रणाली को अपनाया गया है, जिससे परीक्षा परिणाम समय से पहले जारी किए जा सकें।
संभावना जताई जा रही है कि संस्कृत बोर्ड के परिणाम माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) से पहले जारी हो सकते हैं, जबकि माशिम के परिणाम 15 मई तक घोषित होने की संभावना है।