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New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मेंने सोमवार को 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है, जिसमें केंद्र का 1940 करोड़ रुपये का हिस्सा शामिल है।
इस मिशन की परिकल्पना डिजिटल कृषि पहलों का समर्थन करने वाली एक व्यापक योजना के रूप में की गई है, जैसे कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण करना, डिजिटल आम फसल अनुमान सर्वेक्षण (डीजीसीईएस) को लागू करना और केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा अन्य आईटी पहलों को अपनाना।
हाल के वर्षों में भारत की डिजिटल क्रांति ने डिजिटल पहचान, सुरक्षित भुगतान और लेनदेन का निर्माण करके गवर्नेंस और सेवा वितरण को बदलकर रख दिया है। इसने वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा और खुदरा क्षेत्र में एक समृद्ध डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है, जिसने भारत को नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधानों के अग्रणी के रूप में स्थापित किया है। कृषि क्षेत्र में इसी तरह के बदलाव के लिए सरकार ने केंद्रीय बजट 2023-24 में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा, बजट 2024-25 में कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) पहल में और वृद्धि की घोषणा की गई है। कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) का उद्देश्य किसानों के बारे में प्रमाणित जनसांख्यिकीय विवरण, भूमिगत जोत और बोई गई फसलों सहित एक व्यापक और उपयोगी डेटा प्रदान करना है। इसमें राज्य सरकार की नीति के अनुसार किसान और किरायेदार किसान शामिल होंगे। ये पशुधन, मछली पालन, मृदा स्वास्थ्य, अन्य कृषि कार्यों, पारिवारिक विवरणों, योजनाओं और प्राप्त लाभों पर किसानों के डेटा का उपयोग करने के लिए राज्य सरकारों और भारत सरकार के मंत्रालयों के संबंधित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना से भी जुड़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र में नवीन किसान-केंद्रित डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। विकसित भारत@2047 के विजन के अनुरूप कृषि के लिए डीपीआई, डिजिटल कृषि मिशन की बुनियाद है।
इस मिशन के तहत बनाए जाने वाले तीन डीपीआई हैं – एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली और मृदा प्रोफाइल मैपिंग। ये डीपीआई किसान-केंद्रित डिजिटल सेवाओं को सक्षम करने के अलावा कृषि क्षेत्र के लिए समयबद्ध और विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध कराएंगे।