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New Delhi: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा जारी एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दूरसंचार क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि की है।
रिपोर्ट में विभिन्न सेवाओं में महत्वपूर्ण विकास प्रवृत्तियों और प्रमुख मापदंडों पर प्रकाश डाला गया है। यह रिपोर्ट सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रस्तुत की गई सूचना के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में समग्र टेली-घनत्व मार्च 2023 के अंत में 84.51 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 1.39 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से 85.69 प्रतिशत हो चुका है।
कुल इंटरनेट उपभोक्ताओं में वृद्धि: मार्च 2023 के अंत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की कुल संख्या 88.1 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 8.30 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 95.4 करोड़ हो गई, जिससे पिछले एक वर्ष में इंटरनेट उपभोक्ता 7.3 करोड़ बढ़ गए।
ब्रॉडबैंड ग्राहकों का प्रभुत्व: ब्रॉडबैंड सेवाओं ने अपनी प्रगति जारी रखी हुई है। ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या मार्च 2023 में 84.6 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 में 92.4 करोड़ हो गई। 7.8 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहकों की भारी वृद्धि के साथ 9.15 प्रतिशत की यह मजबूत वृद्धि दर हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के महत्व को रेखांकित करती है।
डेटा खपत: वायरलेस डेटा ग्राहकों की संख्या मार्च 2023 के अंत में 84.6 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 7.93 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 91.3 करोड़ हो गई है। इसके अलावा, वायरलेस डेटा उपयोग की कुल मात्रा वर्ष 2022-23 के दौरान 1,60,054 पीबी से बढ़कर वर्ष 2023-24 के दौरान 21.69 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 1,94,774 पीबी हो गई।
टेलीफोन ग्राहकों में वृद्धि: भारत में टेलीफोन ग्राहकों की संख्या मार्च 2023 के अंत में 117.2 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 119.9 करोड़ हो गई, जिसमें वार्षिक वृद्धि 2.30 प्रतिशत दर्ज की गई। भारत में समग्र टेली-घनत्व मार्च 2023 के अंत में 84.51 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 1.39 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से 85.69 प्रतिशत हो गया।
प्रति ग्राहक प्रति माह उपयोग का औसत मिनट (एमओयू) वर्ष 2022-23 के दौरान 919 से बढ़कर 2023-24 में 4.73 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 963 हो गए।
समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भी वर्ष 2022-23 में 2,49,908 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 8.24 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2,70,504 करोड़ रुपये हो गया।