AGR केस में Vodafone Idea को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, शेयर 8% से ज्यादा चढ़े

नई दिल्ली: दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के लिए सोमवार का दिन बड़ी राहत लेकर आया। कंपनी के एजीआर बकाया (AGR Dues) से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार चाहे तो इस मुद्दे पर फिर से विचार कर सकती है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला पूरी तरह नीतिगत (policy-related) है और इसमें सरकार को पुनर्विचार करने से रोकने का कोई कारण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। बाजार खुलते ही स्टॉक में लगभग 8.5% की तेजी आई और यह ₹10.44 प्रति शेयर तक पहुंच गया। निवेशकों का मानना है कि अगर सरकार पेनाल्टी और ब्याज में छूट देती है, तो कंपनी को करीब ₹50,000 करोड़ का बड़ा राहत पैकेज मिल सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसी स्थिति में वोडाफोन आइडिया का शेयर ₹15 से ऊपर जा सकता है।
क्या है AGR मामला?
AGR यानी Adjusted Gross Revenue (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) वह राजस्व है जिसके आधार पर टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम चार्ज देना होता है। इस राजस्व की गणना को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है। वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा वर्ष 2016-17 के लिए मांगे गए ₹5,606 करोड़ के भुगतान के खिलाफ याचिका दायर की थी।
सरकार की हिस्सेदारी और रुख
केंद्र सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह इस मुद्दे का समाधान निकालने की दिशा में काम कर रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में लगभग 50% इक्विटी हिस्सेदारी है, इसलिए वह कंपनी के अस्तित्व को बनाए रखने में प्रत्यक्ष हितधारक (direct stakeholder) है।
पहले भी झटका लग चुका है
इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया की पुनर्गणना (recalculation) की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। उस समय अदालत ने कहा था कि 2021 का फैसला अंतिम है और इसमें बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन अब सरकार को पुनर्विचार की अनुमति मिलने से वोडाफोन आइडिया के लिए राहत की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अगर सरकार ब्याज और जुर्माने में छूट देने पर सहमत होती है, तो यह न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे टेलीकॉम सेक्टर के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।



