अहमदाबाद - कोरोना काल में महंगाई से जनता परेशान है। खाने-पीने के सामान से लेकर पेट्रोल-डीजल तक महंगा हो गया है, जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ा है। अब अमूल ने भी ग्राहकों को झटका दिया है। अमूल ने दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) ने बुधवार को कहा कि अमूल दूध की कीमतों में एक जुलाई से सभी ब्रांडों के लिए दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी।
अमूल ब्रांड नाम के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाले जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि लगभग एक साल और सात महीने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है, जो उत्पादन लागत में वृद्धि के कारण जरूरी हो गई थी। इसी के साथ अब अमूल गोल्ड 58 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिलेगा।
00 इसलिए बढ़ी कीमत
उन्होंने कहा, `अमूल दूध की कीमतों में कल से पूरे भारत में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जाएगी। नई कीमतें सभी अमूल दूध ब्रांडों जैसे सोना, ताजा, शक्ति, टी-स्पेशल, साथ ही गाय और भैंस के दूध पर भी लागू होंगी।` सोढ़ी ने कहा कि खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण दूध की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी।
इसके अलावा पैकेजिंग की लागत में 30 से 40 फीसदी, परिवहन लागत में 30 फीसदी और ऊर्जा लागत में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसके चलते उत्पादन लागत बढ़ गई है।
00 इन पर पड़ेगा असर
दूध के दामों में इजाफा होने से घी, पनीर, मक्खन, चीज, लस्सी और छाछ के अलावा मिठाई, चॉकलेट आदि की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। दूध के दाम बढ़ने का असर आम आदमी की रसोई पर देखने को मिलेगा, क्योंकि इसकी खपत प्रत्येक परिवार में रोजाना होती है।
00 यह कंपनियां बेचती हैं दूध
राज्यों में मौजूद दुग्ध संघों के अलावा देश में नेस्ले, ब्रिटानिया, नमस्ते इंडिया, पतंजलि, आनंदा जैसी निजी क्षेत्र में कई कंपनियां मौजूद हैं, जो दूध और इससे बने उत्पादों को बेचने का काम करती हैं। अमूल द्वारा की गई बढ़ोतरी के बाद ये कंपनियां भी कीमत में इजाफा कर सकती हैं।
नई दिल्लीः सराफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 195 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ गई और चांदी 850 रुपये प्रति किलो महंगी हो गई। इसके साथ ही दिसंबर, 2020 में अब तक चांदी के भाव में 5,425 रुपये का उछाल आया और सोने की कीमत 1,295 रुपये बढ़ गई। सोना ऊंचे में 51,225 रुपये और नीचे में 51,025 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। चांदी ऊंचे में 65,300 रुपये तक गई और नीचे में 64,900 रुपये प्रति किलो बिकी। औसत भाव (बगैर जीएसटी)-सोना 51,170 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी 65,250 रुपये प्रति किलो और चांदी सिक्का 750 रुपये प्रति नग। रहा। सराफा व्यापारियों ने बताया कि कीमतें लगातार बढ़ने की वजह से ग्राहकी करीब-करीब ठप हो गई है।
नई दिल्लीः सोने की कीमत 194 रुपये बढ़कर 49,455 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई और चांदी का भाव 1,184 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 66,969 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजारः सोना 20 डालर की तेजी के साथ 1,874 डालर प्रति औंस (28.35 ग्राम) हो गया, और चांदी 91 सेंट की बढ़त लेकर 25.63 डालर प्रति औंस के स्तर पर जा पहुंची।
तेजी के कारणः एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ जिंस विश्लेषक तपन पटेल ने कहा, 'इस हफ्ते अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा होने की उम्मीद है। इसकी वजह से डालर पर दबाव बना और कीमती धातुओं की कीमतें लगतार बढ़ती चली गईं।'
नई दिल्लीः सेंसेक्स और निफ्टी ने आज चार दिन बाद लंबी छलांग लगाई। आखिरी कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने का मिला। सेंसेक्स 748 अंक जबकि निफ्टी 11,100 के पार जाने में कामयाब रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों में 8 प्रतिशत की उछाल रही, जबकि एचडीएफसी बैंक 4 प्रतिशत बढ़ा। मारुति, एक्सिस बैंक के शेयरों की शानदार तेजी के साथ शेयर बाजार काफी ऊपर बंद हुआ।
टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक पूरे ट्रेडिंग सत्र के लिए सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर रहे। जबकि सभी निफ्टी में आईटी के सभी शेयर घाटे के साथ समाप्त होने वाला एकमात्र क्षेत्रीय सूचकांक था। निफ्टी मीडिया और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज शीर्ष पर रहे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज से तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत ब्याज दरों के निर्धारण के साथ निकाय को बाजार सहभागियों द्वारा उत्सुकता से देखा जा रहा है क्योंकि कोरोन वायरस प्रेरित लॉकडाउन आर्थिक विकास को धीमा कर देता है। अधिकांश अनुमानों से जीडीपी कम से कम 5 प्रतिशत कम होने की उम्मीद के साथ, एमपीसी ने अपना कार्य किया है। आरबीआई यह भी घोषणा कर सकता है कि इस महीने समाप्त होने वाले लोन मोरोटोरियम के साथ उसकी क्या योजना है।
आज के कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 748.31 अंक यानी 2.03 फीसदी की उछाल के साथ 37,687.91 पर जाकर बंद हुआ और एनएसई का 50 शेयरों वाला निफ्टी 211.25 अंक यानी 1.94 फीसदी की बढ़त के साथ 11,102.85 पर जाकर बंद होने में कामयाब रहा।
निफ्टी की बात करें तो आज इसके 50 में से 32 शेयर तेजी के साथ और 18 शेयर गिरावट के साथ बंद हो पाए हैं। सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर रिलायंस इंडस्ट्रीज रहा और इसमें 7.44 फीसदी की उछाल दर्ज की गई। जी लिमिटेड में 6.34 फीसदी और एचडीएफसी बैंक में 3.84 फीसदी की बढ़त रही. जेएसडब्ल्यू स्टील 3.5 फीसदी और मारुति 3.17 फीसदी की मजबूती के साथ बंद हुआ।
निफ्टी के गिरने वाले शेयरों की बात करें तो टेक महिंद्रा 2.87 फीसदी, बीपीसीएल 2.80 फीसदी नीचे रहे. इंडसइंड बैंक 2.03 फीसदी और एचसीएल टेक 1.86 फीसदी टूटकर बंद हुए. वहीं टाटा मोटर्स में 1.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
आज के कारोबार में ऑटो सेक्टर के शेयर भागे और बाजार को ऊपर ले जाने में मदद की. इसके अलावा बैंक शेयरों की तेजी के दम पर बैंक निफ्टी में भी 415.35 अंक यानी 1.97 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेडिंग बंद हुई. बैंक निफ्टी आज 21,487.45 के स्तर पर जाकर बंद हुआ.
ट्रेडिंग के दौरान लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी जोरदार तेजी रही और निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स आज 1.38 फीसदी की उछाल के साथ 4289.80 पर जाकर बंद हुआ है. स्मॉलकैप शेयरों ने भी अच्छा रन दिखाया और बाजार में आज छोटे-मझौले शेयरों की बदौलत आखिरी घंटों में अच्छी तेजी दर्ज की गई. sabhar
नई दिल्लीः भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह के पहले कारोबारी दिन में मजबूती से शुरुआत की। शुरुआती दौर में सेंसेक्स 364 अंक से ज्यादा मजबूत होकर मार्किट 36,386 अंक पर पहुंच गई। वहीं अगर निफ्टी को देखें तो करीब 120 से ऊपर अंकों की मजबूत शुरूआत के साथ 10,731 अंक के स्तर पर है। शुरुआती कारोबारी दौर में बैंकिंग, फाइनेंस, आईटी के अलावा तेल और गैस के शेयरों में तेजी देखी गई।
डॉलर के मुकाबले रुपया आज 14 पैसे की बढ़त के साथ 74.50 के स्तर पर खुला। वहीं पिछले कारोबारी दिन रुपया 37 पैसे की बढ़त के साथ 74.64 के स्तर पर बंद हुआ था।
अच्छे ग्लोबल संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में भी तेजी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में करीब 364 अंकों की तेजी देखने को मिल रही है। दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.62 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं, स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी नजर आ रही है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.73 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। तेल-गैस शेयरों में भी आज तेजी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.36 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है
भाटापारा बेमौसम बारिश, कोरोना का कहर और लॉकडाउन के बढ़ते दिन के चलते अब कोल्ड ड्रिंक्स बाजार अंतिम सांस लेता दिख रहा है। फरवरी का उत्पादन कालातीत अवधि के करीब आता जा रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेल और रिटेल काउंटर को सूचना भेजने की तैयारी कर ली है |
बेमौसम बारिश, कोरोना का कहर और लॉकडाउन के बढ़ते दिन के चलते अब कोल्ड ड्रिंक्स बाजार अंतिम सांस लेता दिख रहा है। फरवरी का उत्पादन कालातीत अवधि के करीब आता जा रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेल और रिटेल काउंटर को सूचना भेजने की तैयारी कर ली है कि ऐसे कोल्ड ड्रिंक्स की जांच कर लें जो एक्सपायरी डेट के करीब पहुंच चुकी है। कोरोना वायरस से हर उद्योग छोटा हो या बड़ा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नौकरियां जाने लगी हैं तो उद्योग की सांसे टूटने लगी है। ले-देकर कुछ तो चालू हुए हैं लेकिन उनमें भी इतनी शक्ति नहीं है कि वे जल्द अपनी पुरानी स्थिति में लौट आए।
ताजा मामला कोल्ड ड्रिंक्स बाजार से जुड़ा हुआ है। यह उद्योग फरवरी माह में अपना उत्पादन चालू कर देता है और सप्लाई भी साथ-साथ साथ चलती रहती है। इस बार फरवरी माह से अब तक रह-रहकर कुछ दिन के अंतराल में बारिश हो रही है तो कोरोना वायरस ने इस उद्योग पर भी कहर बरपाया है। लॉकडाउन के बाद कारोबारी जगत में ताले लगे हुए हैं ऐसे में बड़ी संख्या में डिस्ट्रीब्यूटर से लेकर रिटेल काउंटर तक में अच्छी खासी मात्रा में कोल्ड ड्रिंक्स का स्टॉक जाम हो चुका है। इसमें से कई की कालातीत की अवधि मई और जून माह में खत्म होने वाली है। इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन में कंपनियों से लेकर रिटेल काउंटर तक इसकी सूचना भिजवाने की तैयारी कर दी है कि विक्रय के पहले इसका ध्यान अवश्य रखें अन्यथा लेने के देने हो सकती है।
फरवरी से उत्पादन मध्य जून तक बाजार
कोल्ड ड्रिंक्स का बाजार फरवरी माह से लेकर जून माह तक माना जाता है। इसमें बीच में बारिश हो गई तो दोबारा कारोबार जमाने में 15 दिन का समय लगता है लेकिन इस बार मौसम शायद कोल्ड ड्रिंक्स से खफा है तभी तो लगभग हर पखवाड़े बारिश हो रही है। इस बार मौसम के साथ कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। इधर मार्च से लेकर अब तक इसका कहर जारी है। लॉकडाउन के बाद तो यह पूरी तरह संकट में आ चुका है। अब मई मध्य और जून का पहला पखवाड़ा ही अंतिम उम्मीद है। यदि इस बीच सुधार नहीं आया तो नुकसान का आंकड़ा उद्योग को पूरी तरह तबाह कर सकता है।
डिमांड काउंटरों में ताला
कोल्ड ड्रिंक्स का सबसे बड़ा बिक्री केंद्र हॉटल, रेस्टोरेंट्स, फूड काउंटर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टी एंड कॉफी काउंटर, फास्ट फूड सेंटर इन सभी में ताला लगा हुआ है। इसके खुलने की उम्मीद को लेकर चारों तरफ अनिश्चितता बनी हुई है। इन सभी सेल काउंटर काउंटरों के बंद होने से कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है।
बॉक्स
अब वेंटिलेटर पर उद्योग
ताजा स्थिति के बाद यह उद्योग चारों तरफ से असुरक्षित हो चुका है क्योंकि जब तक स्थिति सामान्य होगी तब तक बारिश का मौसम दस्तक दे चुका होगा। यानी एक झटके में पूरा प्रोडक्ट बेकार हो जाने वाला है, क्योंकि इनकी सेल्फलाइफ या फिर कालातीत अवधि खत्म होने में ज्यादा दिन नहीं है। ऐसे में इसका विक्रय मुसीबत में डाल सकता है।
फूड एंड सेफ्टी का अलर्ट
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अनुसार बिना गैस के पैक किया जाने वाला कोल्ड ड्रिंक्स की एक्सपायरी डेट उत्पादन के बाद 3 माह की होती है जबकि गैस वाले कोल्ड ड्रिंक्स की कालातित अवधि कम से कम 5 से 7 माह की होती है। अधिकतर कोल्ड ड्रिंक्स की कंपनियां फरवरी लगते ही उत्पादन चालू कर देती है और सप्लाई भी साथ-साथ किया करती है।
एक्सपायरी प्रोडक्ट तत्काल नष्ट करें
प्रशासन ने ऐसे सभी कारोबारियों से कहा है कि बाजार जब भी खुलेगा तब सबसे पहले हर कोल्ड ड्रिंक्स की पैकिंग की जांच करें और एक्सपायरी हो चुकी प्रोडक्ट को या तो खुद नष्ट करें या कंपनियों को वापस भेजें। नहीं लेने की स्थिति में ऐसे उत्पादन खुद नष्ट करें या स्थानीय निकाय की मदद लें। इस काम में विभाग के सुरक्षा अधिकारी से भी मदद ली जा सकती है।
वर्जन
लॉकडाउन में रियायत पाने वाली ऐसी सभी संस्थानें जो कोल्ड ड्रिंक्स बेचती है वे एक्सपायरी डेट का अवलोकन जरूर करें। साथ ही स्थिति बहाली के बाद खुलने वाली संस्थानों को भी हर प्रोडक्ट की जांच करनी होगी। एक्सपायर हो चुकी कोल्ड ड्रिंक्स को नष्ट करवाएं।
डॉ आरके शुक्ला
असिस्टेंट कमिश्नर खाद्य एवं औषधि प्रशासन रायपुर
BBN 24 NEWS : केलाश जयसवाल : भाटापारा :
अब दूध और खाद्य तेलों में हानिकारक तत्वों की पहचान तत्काल की जा सकेगी। यह भी जाना जा सकेगा कि खेत से खलिहान होकर बाजार तक पहुंची फसल से बनाई गई खाद्य साम्रगी में कितनी मात्रा में उर्वरक और कीटनाषक दवाओं का छिड़काव किया गया है। यह भी पता चलेगा कि इनकी वजह से बनी खाद्य साम्रगी के सेवन से मानव षरीर को क्या नुकसान हो सकता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ को ’रेपिड फूड टेस्टिंग किट’ दे दिए हेे। ताकि ऐसे सभी मामले की जांच प्रामाणिकता के साथ हो सके। दूध और दूध से बनी खाद्य सामग्री का खाद्य तेलों में हानिकारक तत्वों की पहचान अब पूरी तरह सुनिष्चित होने जा रही है। परंपरागत मषीनों की जगह अब खाद्य परीक्षण षाला में रेपिड फूड टेस्टिंग किट की मदद से त्वरित और मान्य परिणाम मिल सकेंगे। अभी तक खाद्य एवं औषधि प्रषासन की राजधानी स्थित लेबोरेटरी में परंपरागत मषीनों से ही जांच होती रही है लेकिन नया रेपिड फूड टेस्टिंग किट लेबोरेटरी का काम हल्का और सरल करने जा रहा हेै। प्राधिकरण द्वारा भेजा गया यह किट बहुत जल्द काम करने लगेगा। इसलिए टेस्टिंग किट
राज्य निर्माण के बाद विकास खूब हुए। समानांतार में बाजार भी बढ़ता गया। इसी के साथ खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट की षिकायतें भी बढ़ती गयी। खाद्य एवं औषधि प्रषासन ने जब दूध और दुग्ध पदार्थेां की जांच की तो इसमें भारी मिलावट और अमानक तत्वों का होना पाया । हानिकारक तत्व भी मिले। खाद्य तेलों में भी ऐसे ही षिकायतें मिली। रोकथाम की कोषिष के बावजूद उपलब्ध उपकरणों से नतीजे सही नही मिलते रहे इसलिए अब नया रेपिड फूड टेस्टिंग किट का उपयोग किया जाएगा ताकि ऐसी गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम कसी जा सके। मिलेगी से जानकारी
खाद्य एवं औषधि प्रषासन की लेबोरेटरी में भेजे जाने वाले सैंपल में रेपिड फूड टेस्टिंग की मदद से दूध और उससे बनी खाद्य सामग्री एफलाटाॅक्सिन- एंटीबाॅयोटिक्स और सल्फर ड्रग्स की मात्रा की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा मैटल- हैवी मैटल का भी खुलासा हो सकेगा। सबसे अहम जानकारी इस किट से जो मिलेगी वह यह होगी कि खाद्य सामग्री में यह पता लगाया जा सकेगा कि किसमें कितनी मात्रा में रासायनिक उर्वरक और कीटनाषक दवाओं का छिड़काव हुआ है। यह भी जानकारी मिलेगी कि मानक मात्रा कम है या ज्यादा क्योंकि इस काम में मानक का ध्यान नही रखा जाता।
रेपिड फूड टेस्टिंग किट का उपयोग कैसे करना हैघ् उसकी जानकारी के लिए प्राधिकरण के निर्देष के बाद खाद्य एवं औषधि प्रषासन ने अपने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को टेªेनिंग दे दी है। किट लगाने के बाद बहुत जल्द प्रभावी जांच के लिए ये अधिकारी सेैंपल भेज सकेंगे और प्रामाणिक व त्वरित और मान्य परीणाम हासिल कर सकेंगे। एक और मोबाइल फूड टेस्ट लेब वेन
खाद्य एवं औषधि प्रषासन के पास इस समय 4 मोबाइल फूड लेब वेन है। जांच का विस्तार करते हुए अब प्रषासन की मांग पर एक और वेन मिलने जा रही हेे। इसके मिल जाने के बाद अब राज्य में 5 मोबाइल फूड वेन हो जाऐेंगें। इसके बाद प्रषासन को जांच का दायरा और बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी क्यंोकि जिलेां मंे काम कर रही एजेंसियंा लगातार इसकी उपलब्धता चाहती रही हेे।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से पहली बार छत्तीसगढ़ को 3 फूड टेस्टिंग किट मिल चुके है। विभाग के मुख्यालय की लेबोरेटरी में इसे लगाया जा रहा है। बहुत जल्द यह किट काम करना चालू कर देगा।
-डाॅ आर के षुक्ल असि. कमिष्नर खाद्य एवं औषधि प्रषासन रायपुर
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति पर मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में धान खरीदी केन्द्रों को व्यवस्थित करने और यहां सुविधाओं में वृद्धि पर बल दिया गया। श्री भगत ने कहा कि राज्य के सभी धान खरीदी केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए पक्का फड़, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा मंडी शुल्क की राशि से संग्रहण केन्द्रों एवं समितियों भी अधोसंरचना निर्माण पर भी सहमति व्यक्त की गई। बैठक कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल और अपर मुख्य सचिव श्री के.डी.पी. राव सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान और मक्का की खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन के लिए 16 अगस्त से 31 अक्टूबर 2019 तक की अवधि पर सहमति व्यक्त की गई। पंजीयन करानेे के लिए किसानों को भूमि के रकबे, बोये गए धान के रकबे, आधार नम्बर, बैंक खाता, ऋण पुस्तिका, मोबाइल नम्बर आदि की जानकारी दर्ज करानी होगी। पंजीयन की शेष व्यवस्था गत खरीफ विपणन वर्ष के अनुसार होगी। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान और मक्का का भुगतान कृषकों के खातों में किया जाएगा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 85 लाख टन धान उपार्जन होने का अनुमान है, इसके लिए बारदानों की व्यवस्था गत वर्षों के अनुरूप की जाएगी। धान खरीदी केन्द्रों में कृषकों की सुविधा के लिए अपेक्स बैंक द्वारा सहकारी समितियों में 162 करोड 63 लाख रूपए की लागत से 537 पक्के फड़, 2500 पक्के चबूतरे एवं 537 पक्के शेड-चबूतरे, उपार्जन केन्द्रों में 13 करोड़ 57 लाख 1286 शौचालय और 14 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत से पेयजल व्यवस्था के लिए 1286 नलकूप स्थापना का प्रस्ताव भेजा गया है।
मुंबई - अपने रिटायरमेंट के 6 महीने पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 7 महीने में यह दूसरी बार है जब रिजर्व बैंक के किसी अधिकारी ने इस तरह से इस्तीफा दिया है। इससे पहले गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
रिटायरमेंट के 6 महीने पहले इस्तीफा देने वाले विरल आचार्य भी उर्जित पटेल की टीम का हिस्सा थे। 23 जनवरी 2017 को केंद्रीय बैंक जॉइन करने वाले विरल ईकोनॉमिक लिबरेशन के बाद सबसे युवा डिप्टी गवर्नर थे।
खबरों के अनुसार पद से इस्तीफा देने के बाद विरल न्यूयॉर्क जाएंगे और वहां न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे। उनका परिवार वहीं रहता है। बताया जाता है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद से ही विरल आचार्य भी खुद को काफी असहज महसूस कर रहे थे। पिछली दो मौद्रीक नीति की समीक्षा बैठकों में उनके विचार गवर्नर के विचारों से भिन्न रहे थे।