रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भिलाई 3 स्थित पदुम नगर में आयोजित चालीहा महोत्सव में हिस्सा लिया। उन्होंने समाज के व्रतधारियों के साथ अखंड कीर्तन में हिस्सा लिया। चालीहा महोत्सव के दौरान सिंधी समाज के लोग 40 दिनों तक व्रत रखते हैं तथा निरंतर जाप का आयोजन होता है। मुख्यमंत्री ने समाज के सदस्यों को चालीहा महोत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कीर्तन के इस कार्यक्रम में आकर बहुत अच्छा लग रहा है। चालीहा महोत्सव के दौरान निरंतर जाप होता रहता है। ऐसे आध्यात्मिक माहौल से आत्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
रायपुरः BBN24NEWS@ छत्तीसगढ़ के शासकीय कालेजों में निर्धारित संख्या से कम एडमिशन होने पर सरकार के गाइड लाइन के अनुसार कालेजों में प्रवेश की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी शासकीय कालेज में पढ़ाई लिखाई नहीं हो रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक सरकार ने ना तो गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति की है और न ही नियमित प्रोफेसर्स की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ पा रही है। पूरे प्रदेश के शासकीय कालेजों का यही हाल है।
राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को ऊपर उठाने और तय समय पर छात्रों का कोर्स पूरा कराने के लिए राज्य शासन की तरफ से जारी दिशा निर्देश के अनुसार 1 जुलाई से शैक्षणिक कार्य शुरू हो जाने चाहिए थे। इस आदेश का पालन करने की कोशिश भी की गई, लेकिन अधिकतर विषयों के लेक्चरर्स ना होने की वजह से पढ़ाई ठप्प है। आम तौर पर अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति जून के अंतिम या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर ली जाती है, लेकिन इस बार शासन की तरफ से अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए भी कोई प्रावधान जारी नहीं किया गया है।
प्रदेश में 252 शासकीय महाविद्यालय हैं जिसमें प्राध्यापकों के 1500 पद खाली हैं, नियमित भर्ती ना होने की वजह से अतिथि प्राध्यापकों की मदद से शैक्षणिक कार्य कराया जाता है। अतिथि प्राध्यापकों की भर्ती का प्रावधान 2011-12 सत्र से शुरू हुआ था जो निरंतर जारी है। हालांकि इस वर्ष अगस्त महीना का एक पखवाड़ा बीतने को है, पर अतिथि प्राध्यापकों की भर्ती अभी तक नहीं की जा सकी है। इससे छात्रों की पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा मनाये जा रहे विश्व आदिवासी दिवस का विरोध करके अजीत जोगी ने यह साबित कर दिया कि वे तकनीकी रूप से ही नकली आदिवासी नहीं है। मानसिक रूप से आदिवासी विरोधी है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षो से आदिवासियों का हक मारने वाले अजीत जोगी को राज्य में आदिवासियों के मान सम्मान और उत्सव और प्रतिष्ठा भी बर्दाश्त नहीं है। राज्य बनने के बाद खुद को आदिवासी नेता बता कर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने वाले जोगी के अंदर यदि तनिक भी आदिवासी संस्कार होते तो 2000 में ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी दिवस उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हो जाती और आदिवासियों के इस सम्मान पर्व पर अवकाश की घोषणा भी हो जाती, लेकिन आदिवासी समाज का हक एक फर्जी कागज के सहारे छीनने वाले से आदिवासियों के सम्मान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। दरअसल छत्तीसगढ़ के आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस पर कोंटा से बलरामपुर तक उत्साह और खुशी के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाने जा रहे है। आदिवासियों की खुशियां अजीत जोगी को बर्दाश्त नहीं हो रही है। पहली बार ऐसी सरकार छत्तीसगढ़ में आयी है। जिसने आदिवासियों की खुशियों को अपनी खुशी बनाया है और विश्व आदिवासी दिवस के दिन छुट्टी घोषित की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पूरा छत्तीसगढ़ जानता है कि अजीत जोगी स्वयं फर्जी आदिवासी होने के आरोपों के घेरे में है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया जारी है जिसे लगातार अजीत जोगी जी ने 15 वर्षो तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह जी के सहयोग से बाधित किया है। अजीत जोगी आदिवासियों के हितैषी होते तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री काल में आदिवासियों के चेहरों पर कालिख नहीं पोती जाती। आदिवासियों के चेहरों पर कालिख पुतवाकर किस मुंह से अजीत जोगी आदिवासियों का चिंता कर रहे है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी यह कभी नही भूल सकते कि अजीत जोगी के कार्यकाल में आदिवासियों को जेल भिजवाया गया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के उदघाटन के लिए पूर्व में किया गया भाजपा का प्रदर्शन एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माणकर्ता ठेकेदार के हित को समर्पित था। भाजपा को राजधानी की जनता की सुरक्षा नही बल्कि एक्सप्रेस वे के गुणवत्ताहीन निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार की बिल की चिंता है। गुणवत्ता मापदण्डो को पूरा नही कर पाने के कारण एक्सप्रेस वे का उद्घाटन रूका है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार में कमीशनखोरी के कारण गुणवत्ताविहीन निर्माण हुये है। गुणवत्ताविहीन होने के कारण इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है भाजपा सरकार में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के कारण निर्माण कार्यों की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया गया, न ही मापदंडों को पूरा किया किया गया। राजधानी में बने रेलवे अंडर ब्रिज और फ्लाईओवर निर्माण में लापरवाही बरती गई है। जनता के सुविधा हेतु बनाए गए, अंडर ब्रिज बारिश के दिनों में पानी से लबालब हो जा रहा है। पूरे प्रदेश में रमन सरकार के दौरान बनी सड़कें खराब हो गई है। सरकारी बिल्डिंगों में दरार आ गई है भाजपा की कमीशन खोरी भ्रष्टाचार के कारण जनता के पैसों का बंदरबांट हुआ है।
रायपुर:- राज्य शासन के जनसम्पर्क विभाग ने नये विज्ञापन नियम लागू कर दिये हैं। छत्तीसगढ़ राजपत्र में विज्ञापन संबधी नियमावली 2019 की अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही ये प्रभावशील हो गये हैं। डिजीटल माध्यम की उपयोगिता को देखते हुए न्यूज वेबसाईटों के लिए भी मापदंड तय कर दिये गये हैं। न्यूज वेबसाईटों/न्यूज पोर्टलों से प्रति माह की 12 तारीख तक निर्धारित प्रपत्र में विज्ञापन के लिए आॅनलाईन आवेदन लिया जायेगा। आनलाईन आवेदन वेबसाईट cg.nic.in/dpr पर भरा जा सकता है। आनलाईन आवेदन करते समय कोई कठिनाई आने पर कार्यालयीन दिवस एवं समय में टेलीफोन नंबर 0771-2512575 पर सीनियर प्रोग्रामर से संपर्क कर सकते हैं
रायपुर 06 अगस्त 2019 राज्य शासन द्वारा 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और मुख्यमंत्री संदेश के वाचन के लिए जनप्रतिनिधियों को नामांकित किया गया है। रायपुर जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ध्वजारोहण करेंगे।
जिला दुर्ग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, बिलासपुर में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, जांजगीर-चांपा में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, रायगढ़ में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे मुख्य अतिथि होंगे। राजनांदगांव में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, कबीरधाम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, कोरबा में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, धमतरी में आबकारी मंत्री कवासी लखमा, सरगुजा में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, जशपुर में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, बलरामपुर में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, कांकेर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार जिले के मुख्य अतिथि होंगे।
इसी प्रकार कोरिया में सांसद ज्योत्सना महंत, बस्तर में सांसद दीपक बैज, बीजापुर में अध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण लखेश्वर बघेल, बलौदाबाजार-भाटापारा में अध्यक्ष मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण लालजीत सिंह राठिया, सूरजपुर में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री खेलसाय सिंह, नारायणपुर में बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी, सुकमा में बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, मुंगेली में सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो, गरियाबंद में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, बेमेतरा में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पत सिंह, महासमुंद में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कवर, कोण्डागांव में विधायक मोहन मरकाम, बालोद में विधायक संगीता सिन्हा, दंतेवाड़ा में विधायक मनोज सिंह मण्डावी जिले के लिए मुख्य अतिथि होंगे।
रायपुर 06 अगस्त, 2019 भारतीय रेलवे ने माननीय प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल को पूरा करने के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर रेल उपयोगकर्ताओं, यात्रियों को वाई-फाई ब्रॉडबैंड सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया। इसके लिए रेलटेल ने रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के उपयोग के लिए तीव्र वाई-फाई प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। रेलटेल ने तेजी से वाई-फाई नेटवर्क स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी साझेदार के रूप में गूगल से जुड़ा है । रेलटेल का खुदरा ब्रॉडबैंड वितरण मॉडल ’रेलवायर’ के द्वारा उपयोगकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ इंटरनेट अनुभव के तहत यात्रियों को वाई-फाई सेवाएं, प्रदान की जा रही है। रेलवायर वाई-फाई किसी भी उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगा जिसके पास स्मार्टफोन पर काम करने वाला मोबाइल कनेक्शन है।
रेलवे स्टेशन वे स्थान हैं जहाँ समाज का सभी वर्ग के लोगो का आवागमन है। यह पहल डिजिटल विभाजन को दृश्टिगत रखते हुए पुल का काम करने और स्थानीय रेल ऑपरेटरों के वित्तीय समावेशन के साथ सभी रेल उपयोगकर्ताओं को उच्च गति एक्सेस नेटवर्क प्रदान करने का हिस्सा है। यह सुविधा हमारे रेल यात्रियों को ट्रेन के इंतजार के दौरान ट्रेन परिचालन की जानकारी प्रदान करेगी। वे हाई डेन्सिटी वाले वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए भी इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं, अपने कार्यालय आदि का काम ऑनलाइन कर सकते हैं ।
एक बार लागू होने के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक वाई-फाई परियोजना में से एक होगी। वाई-फाई सेवा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों द्वारा निर्बाध उच्च विक्षेपण(डेफीनेशन) वीडियो, फिल्में, गाने, गेम डाउनलोड एवं देखने के लिए तेज गति कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह सुविधा 1जीबी पीएस हाई स्पीड इंटरनेट बैंडविथ के साथ दी गई है और अधिकतम 200 लोगों को एक एक्सेस प्वाइंट के साथ जोड़ा जा सकता है।
रेलटेल द्वारा रायपुर मंडल में रायपुर, दुर्ग, भिलाई पावर हाउस, तिल्दा एंव मरोदा स्टेशन पर निरंतर वाई-फाई सेवाएं प्रदान की गई हैं। रायपुर में 49 एक्सेस प्वाइंट के साथ 9600 लोग, दुर्ग में 24 एक्सेस प्वाइंट के साथ 4800 लोग, भिलाई पावर हाउस में 18 एक्सेस प्वाइंट के साथ 3600 लोग और तिल्दा में 2 एक्सेस प्वाइंट के साथ 400 लोग एक समय में कनेक्ट हो सकते हैं। अब गुंडारदेही एंव रिसामा स्टेशन पर भी इस सुविधा का लाभ ले सकते है
इसके अलावा रायपुर मंडल के अन्य स्टेशनों पर रेलटेल की देखरेख में वाई-फाई की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह स्टेशन दाधापारा, बिल्हा, दगोरी, निपनिया,भाटापारा, हथबंद, सिलयारी, मॉढर, उरकुरा, मंदिरहसौद, लखौली, कुम्हारी, भिलाई, भिलाई नगर, लाटाबोड, बालोद, कुसुमकसा, दल्लीराजहरा, गुदुम, भानूप्रतापपुर,केंवटी है।
कांग्रेस छात्र संगठन, एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय संयोजक ने कहां, सरकार की मंशा आरटीआई एक्ट को कमजोर करना सरकार की नाकामियों घोटालो को छुपाने के लिए एक सुनियोजित षडयन्त्र कांग्रेस छात्र संगठन, एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय संयोजक कोमल अग्रवाल ने केंद्रिय भाजपा सरकार व्दारा आरटीआई एक्ट में संशोधन बिल, 2019 को पारित करने को लेकर सवाल खडे़ किये है तथा कांग्रेस सरकार व्दारा देशवासियो को दिए गए अधिकारो को भाजपा सरकार व्दारा कमजोर करने की नीति बताया है। कोमल ने कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस पार्टी व्दारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को कमजोर करते हुए भाजपा सरकार के घोटालो व कमजोरियों को छुपाने की कोशिश कर रही है जिससे सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना अधिकारी केंद्र सरकार के अधीन होंगे जिससे पारदर्शिता तो कम होगी ही व भाजपा सरकार के कमजोरियों को भी उजागर करने से रोका जायेगा। लोकसभा मे पारित किया गया आरटीआई एक्ट अमेंडमेंट बिल, 2019 देश के नागरिकों के अधिकारो का हनन है। आरटीआई संशोधन बिल नही, आरटीआई निरस्त बिल पारित किया....................... आरटीआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय संयोजक कोमल अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार व्दारा लोकसभा मे पारित किया गया बिल संशोधन बिल नही, निरस्त करने की मंशा वाला बिल है जिसे लेकर कांगे्रस छात्र संगठन सख्त शब्दो में निंदा करती है यह बिल सूचना आयोग व अधिकारियों की ताकत को कम करेगा। आरटीआई संशोधन बिल 2019 के अंतर्गत केंद्र सरकार को आरटीआई कमीशन के सूचना आयुक्तो के वेतन, समयावधि भत्ते व अन्य सुविधाओं का निर्णय लेने का अधिकार होगा। कोमल अग्रवाल ने कहां कि यह मौलिक अधिकारो को कमजोर करते हुए मौलिक रूप से सूचना आयोग के संस्थानों को कमजोर करेगा। कैसे आरटीआई संशोधन बिल में दो बड़े बदलाव करेंगे एक्ट को कमजोर ?................. राष्ट्रीय संयोजक कोमल अग्रवाल ने कहां कि आरटीआई संशोधन बिल 2019 मे प्रमुख रूप से दो बडे़ बदलाव लाए गये है जो सीधे रूप से पारदर्शिता को कम करने के साथ साथ सूचना आयोग के अधिकारो को केंद्रीय सरकार के अधीन लाकर निष्पक्षता को कम करते हुए सरकार की नाकामियों को उजागर करने में अड़ंगा बनेंगे। पहला- संशोधन बिल 2019 सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना अधिकारियों की समयावधि को केंद्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में करेगा जबकि पहले कांगे्रस सरकार व्दारा पारित बिलानुसार सूचना आयुक्त व अधिकारियों की समयावधि या तो 5 वर्ष या फिर 65 वर्ष की आयु सीमा पूरे करने तक है। इस बिल में कहां गया है कि केंद्र सरकार मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना अधिकारो के नीजी केस के अनुसार समयावधि का निर्णय लेगा, हांलाकि अभी कोई समयावधि निश्चित नही की है। दूसरा- संशोधन बिल, 2019 मे मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना अधिकारियों के वेतन का निर्णय लेना भी केंद्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में होगा जबकि कांग्रेस सरकार व्दारा पारित एक्ट के अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त व अधिकारियों का वेतन मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्तो के बराबर है। वही संशोधन बिल में यह भी कहां गया है कि यदि कोई कंेद्रीय सूचना अधिकारी व आयुक्त अपनी पहली नौकरी की कोई पेंशन या अन्य सुविधा का लाभ ले रहा है तो उनका वेतन उनकी पेशन की राशि के बराबर कम करके दिया जायेगा। ऽ अब सूचना आयोग कैसे रहेंगे निष्पक्ष व आजाद ?..................... कोमल ने कहां कि जब केंद्रीय सरकार ही सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व मुख्य सूचना अधिकारियांे के वेतन से लेकर समयावधि तक सुविधाओ की निर्णय लेगी तो यह सूचना आयोग की निष्पक्षता को खत्म करेगा। यदि कोई ऐसी सूचना हो जिसे लेकर सरकार की नाकामी व घोटाले को उजागर किया जा सके, उसे भी उजागर नही किया जा सकेगा क्योकिं सूचना देने वाला आयोग व संस्थान ही सरकार के अधीन होगा। यदि ऐसी संस्थानो से आजादी व अधिकारो को ही छिन लिया जायेगा तो ऐसी संस्थानो की महत्वता को खत्म करने का एक निंदनीय प्रयास कहलाएगाा। कोमल ने कहां कि इस बिल के पारित होने को लोकतंत्र के लिए काला दिवस कहना गलत नही होगा।
रायपुर. 9 जुलाई 2019 : छत्तीसगढ़ में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में दो नए टीकों को शामिल किया गया है। नियमित टीकों के साथ ही अब बच्चों को डायरिया से बचाने रोटा वायरस वैक्सीन पिलाया जाएगा। टिटनेस और डिप्थिरिया से बचाने टीडी वैक्सीन भी लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज अंबिकापुर में बच्चों को रोटा वायरस ड्राप पिलाकर इसकी शुरूआत की। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन टीकों के बारे में माता-पिता को बताएं जिससे कि बच्चे डायरिया, टिटनेस और डिप्थिरिया से सुरक्षित रहें। प्रदेश के सभी जिलों में आज से ये टीके लगने शुरू हो गए हैं। दो नए टीकों को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद अब बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने रोटा वायरस टीकाकरण का शुभारंभ करते हुए कहा कि छोटे बच्चों को डायरिया से बचाने रोटा वायरस का टीका बहुत जरूरी है। स्वस्थ पीढ़ी तैयार करने हम सभी को अपनी सहभागिता देनी होगी और जिम्मेदारियों का निर्वहन बेहतर ढंग से करना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गांव-गांव में इस टीके के बारे में बताएं। माता-पिता और परिजनों को जागरूक करें। बच्चों को रोटा वायरस टीके की पांच-पांच बूंदें तीन बार पिलानी है। इसकी तीन खुराक क्रमशः जन्म के छठवें, दसवें और चौदहवें सप्ताह में देनी है।
टीडी वैक्सीन टिटनेस और डिप्थिरिया से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लगाया जाता है। बच्चों को पहली बार यह टीका 10 वर्ष की उम्र में और दूसरी बार 15 वर्ष की उम्र में लगता है। पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही में इसे एक माह के अंतराल में दो बार लगाया जाएगा। वहीं तीन साल के भीतर दूसरी बार गर्भवती महिलाओं को टीडी वैक्सीन पहली तिमाही में ही एक बार लगेगा।