बारिश में कमजोर पकड़ से उखड़ सकती है करोड़ो की सड़क, जांच के बाद भी अफसरों ने नहीं रूकवाया काम
कोरिया। सड़कें मजबूत बनें इसलिए, कुछ नियम कायदे बनाए गए हैं। ऐसा ही एक नियम है कि बारिश के बीच डामर की सड़क नहीं बनाई जा सकती। यह प्रतिबंध इसलिए है क्योंकि, पानी में भीगना तो दूर सीलन मात्र से ही डामर की पकड़ कमजोर हो जाती है। इस रोक के बाद भी जिले में नेशनल हाइवे का निर्माण बारिश के बीच चल रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह हाइवे कितने दिन टिकेगा? और इस घटिया निर्माण व शासन के करोड़ों रुपए की बर्बादी का जिम्मेदार कौन होगा?
जिले में कटनी-गुमला नेशनल हाईवे 43 पर मध्यप्रदेश सीमा से सूरजपुर सीमा तक 10 मीटर चौड़ाई में डामरीकृत मार्ग व 2 लेन सड़क का काम 234 करोड़ से चल रहा है। कोरोना से काम प्रभावित होने के बाद मई से निर्माण में तेजी आई है पर बरसात शुरू होने के 15 दिन बाद भी सड़क पर बिना रुकावट के डामरीकरण जारी है। बता दें कि बरसात को देखते हुए 15 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए सड़क निर्माण कार्य पर रोक लग गई है लेकिन एनएचएआई शासन के इस आदेश को अनदेखा कर सड़क पर डामरीकरण करवा रही है जबकि जानकार बताते है कि बरसात में नमी होने से डामर और गिट्टी का मिश्रण सही नहीं होता सरफेस पर भी नमी होती है, और डामर जल्द उखड़ जाता है। 79 किमी तैयार किये जा रहे इस सड़क पर पिछले 10 दिन में करीब 10 किमी सड़क कंपनी ने पूरी कर दी है, ऐसे में कमजोर पकड़ से करोड़ो की सड़क को बड़ा नुकसान हो सकता है। शिकायतों पर रविवार को सड़क की जांच करने एनएचएआई के ईई वीके पटोरिया पहुंचे। जांच के दौरान उन्होंने कहा कि वे बारिश में चल रहें सड़क की जांच करने आएं है। बरसात से कहा सड़को पर पानी भर रहा है इसे देख रहे हैं। इधर स्थानीय अधिकारी कोरोना का बहाना बनाकर तर्क दे रहें है कि लॉकडाउन के कारण सभी कार्यों को ब्रेक लग गया था, अब जब काम को मंजूरी मिली है तो तेजी से काम चल रहा है।
झमाझम बारिश के बीच डामरीकरण : एनएच पर चल रहे डामरीकरण की गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं वहीं अब विभाग बारिश के बावजूद डामरीकरण करने से गुरेज नहीं कर रहा है। जिले में झमाझम बारिश के दौर के बावजूद विभाग डामरीकरण करवा रहा है। पटना में चल रहे डामरीकरण पर इंजीनियर किरण ने कहा कि काम रोकने उन्हें शासन से कोई आदेश अब तक नहीं मिला है।
उजियापुर में डस्ट से परेशानी बनी :
उजियापुर में ओवर ब्रिज पर अधूरा सड़क का काम परेशानी की वजह बने हुए है। सड़क पर जगह-जगह गिट्टियां उखड़ रहीं है। बारिश रूकने के बाद डस्ट से लोगों को परेशानी हो रहीं है। सड़क किनारे मुरूम की जगह मिट्टी भराव होने से भारी वाहन अक्सर इसमें फंस रहें है।
नगर में नाली पाटी, बारिश का पानी घरों में
नगर में रेलवे स्टेशन के पास एनएच कंपनी को 100 मीटर नाली बनानी थीं पर कंपनी ने पंचायत की नाली को पाट दिया, 6 घरों में बारिश का पानी घूस रहा है। अमित, संस्कार, राजीव मिश्रा, चंद्रशेखर राजवाड़े, कृष्ण मुरारी के घर में पानी जाने से वे परेशान हैं।
एक पुल का काम अटका, हसदेव पुल अधूरा, बारिश से पूराने पुल के उपर से गुजर रहा पानी : बता दें कि एनएच पर तैयार होने वाले 9 पुल पुलियों के निर्माण में 8 पुलियों का निर्माण कंपनी ने करीबन पूरा कर लिया गया है जबकि मनेंद्रगढ़ में एक पुल काम फारेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण अटका हुआ है। जिला मुख्यालय में बाइपास सड़क पर 14 पुलिया और 1 पुल तैयार किये जा रहे है इसपर भी जोरशोर से काम जारी है। वहीं मनेंद्रगढ़ में हसदेव नदी पुल अधूरा होने से पुल के उपर से पानी गुजर रहा है, जिससे जान जोखिम में डालकर लोग गुजर रहे है।
वर्सन के लिए दो बाक्स की जगह रखेंगे
एनएच के ईई वी के पटोरिया ने कहा कि वे बरसात को देखते हुए एनएच के रखरखाव की जांच करने आएं हैं, मुख्य रूप से बारिश के पानी की निकासी व्यवस्था को देख रहे हैं। वहीं एनएच एसडीओ बृजेश चतुर्वेदी ने कई बार कॉल किये जाने के बाद भी फोन नहीं उठाया।
एनएच सड़क निर्माण में डामरीकरण टेक्निकल काम है। इस समय करना चाहिए या नही इसकी जानकारी लेकर मैं इस बारे में एनएच ऑथरिटी से बात करता हूँ। हालांकि बारिश में डामरीकरण का काम नही होना चाहिए।
एसएन.राठौर,कलेक्टर कोरिया