0 नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक रहे मौजूद।
0 प्रवासी मजदूर और गरीबों की ली सुध।
0 सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया ।
0 बीजेपी के कार्यकर्ता डोर टू डोर जाएंगे-डॉ. रमन सिंह।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सोमवार को बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। इस बीच उन्होंने गरीब प्रवासी मजदूरों को छाते खाने पीने के सामान और पानी की बोतलें भी बांटी...! पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के साथ क्षेत्र के विधायक और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी मौजूद रहें।
प्रदेश के पूर्व सीएम ने तिफरा सिरगिट्टी क्षेत्र में बकायदा टेंट लगाकर क्षेत्र के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने का प्रयास किया। इस बीच सोशल डिस्टेंसिन का ध्यान रखते हुए, गरीब प्रवासी मजदूरों को उन्होंने छाते, पानी की बोतलें और खाने-पीने के सामान भी दिए। वहीं इन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई।। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बिलासपुर स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया साथ ही यह भी बताया कि, किस तरह से बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी डोर टू डोर जाकर सरकार की उपलब्धियां लोगों को बताएंगे। मौजूदा स्थिति में केंद्र सरकार ने लोगों के लिए क्या कुछ किया यह बताने के साथ-साथ प्रदेश में मौजूद कांग्रेस की सरकार की नाकामी को भी उजागर किया जाएगा।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर उनसे दुर्ग जिले की रिसाली नगर निगम अंतर्गत नेवई एवं स्टेशन मरोदा की भूमि भिलाई इस्पात संयंत्र से राज्य शासन को हस्तांतरित करने का आग्रह किया है। गृह मंत्री साहू ने इस संबंध में क्षेत्रवासियों द्वारा उन्हें दिए गए पत्र में उल्लेखित संदर्भ की जानकारी देते हुए लिखा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय वर्ष 1998 में जनता की मांग पर शासन एवं बीएसपी प्रबंधन की बैठक उपरांत निर्णय लिया गया था कि जितने क्षेत्रफल में लोग निवासरत है, उन बस्तियों को भिलाई इस्पात संयंत्र राज्य शासन को हस्तांतरित कर देगा। इस निर्णय के पालन में भिलाई इस्पात संयंत्र की आधिपत्य भूमि में निवासरत जोरातराई, डुण्डेरा, पुरैना, रूआबांधा, मरोदा टैंक, स्टेशन मरोदा एवं नेवई बस्ती में पट्टा वितरण हेतु सर्वे किया गया, किन्तु विवाद उत्पन्न होने के कारण नेवई एवं स्टेशन मरोदा के निवासियों को इस योजना से वंचित होना पड़ा।
गृह मंत्री साहू ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री प्रधान से क्षेत्रवासियों की मांग अनुरूप इस लंबित प्रकरण का निराकरण करने तथा भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि को राज्य शासन को हस्तांतरित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस के संघात्मक गतिविधियों में कसावट के लिए दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस को विभाजित कर नया भिलाई शहर जिला बनाया गया है । कांग्रेस के प्रदेश आलाकमान द्वारा अपने इन जिला इकाइयों के कार्यक्षेत्र का बंटवारा भी कर दिया गया है । इसके तहत दुर्ग ग्रामीण जिला कांग्रेस और भिलाई शहर जिला कांग्रेस के बीच 14 ब्लॉकों में से 7-7 ब्लॉको का बटवारा किया गया हैं। जिला इकाइयों के बीच ब्लॉकों के बंटवारे के संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पत्र जारी किया गया है। प्रदेश आलाकमान द्वारा लंबे समय की मांग को देखते हुए करीब 6 माह पहले की जिला कांग्रेसी इकाई का विभाजन करते हुए नए भिलाई शहर कांग्रेस का निर्माण का ऐलान कर दिया था। करीब ढाई माह पहले भी विभाजन के अनुसार दोनों इकाइयों के लिए अलग-अलग अध्यक्षों की नियुक्ति भी कर दी गई थी।
इसके तहत पुराने दुर्ग जिला अध्यक्ष तुलसी साहू को नवगठित भिलाई शहर जिला कांग्रेस का कमान दिया गया। ग्रामीण के अध्यक्ष निर्मल को बनाया गया है। तब किसी किस जिले में कौन-कौन से ब्लॉक आएंगे यह तय नहीं किया गया था। जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण
दुर्ग ग्रामीण, धमधा, पाटन, भिलाई चरोदा, कुम्हारी , अहिवारा और जामुल को शामिल किया गया।
शहर जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई
भिलाई ब्लॉक 1, भिलाई ब्लॉक 2 भिलाई ब्लॉक 3, भिलाई ब्लॉक-4, भिलाई ब्लॉक-5, भिलाई ब्लॉक 6 (रिसाली), कोसा नाला सुपेला रिसाली शहर को भिलाई नगर में शामिल किया गया।
पूर्व में प्रदेश आलाकमान की ओर से जारी ब्लॉकों के बंटवारे से संबंधित परिपत्र में भिलाई शहर का हिस्सा भिलाई ब्लॉक नंबर 6 रिसाली को दुर्ग ग्रामीण में रखा गया था। मगर आज दोबारा प्रदेश आलाकमान के द्वारा परिपत्र जारी कर अपने पूर्व के आदेश को बदल कर रिसाली शहर के सभी 40 वार्डों को भिलाई नगर शहर कांग्रेस कमेटी भिलाई में शामिल किया गया।
जगदलपुर। मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा पर भाजपा नेताओं की बड़ी बड़ी घोषणाओं पर तीखा प्रहार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी जी की 20 लाख करोड़ की घोषणा और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की पांच पांच धारावाहिक सीरियल पत्रकार वार्ताओं के बाद भी देश के किसी भी वर्ग किसान, मजदूर,छोटे व्यापारी को पता नहीं चल पाया है कि उसे मिला क्या है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 5-5 पत्रकार वार्ताओं के बाद देश को एक अनुवादक मंत्री और एक लोन मंत्री के अलावा कुछ नहीं मिला है। कांग्रेस, डॉक्टर रमन सिंह को चुनौती देती है कि वह एक पत्रकार वार्ता और ले और यह बताएं कि छत्तीसगढ़ में 20 लाख करोड़ में किसको कितना मिलेगा। मोदी जी घोषणा तो लाखों, करोड़ों और अरबों की करते हैं लेकिन पैसे किसी को मिलते नहीं । किसान सम्मान निधि की हकीकत को भी बेनकाब करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि देश में 44% किसान सम्मान निधि के दायरे से बाहर है यह किसानों का सम्मान है या अपमान यह रमन सिंह जी को बताना चाहिए। कोरोना से निपटने से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर मामले में मोदी सरकार विफल साबित हुयी है। पूरा देश आज नोटबंदी एवं गलत तरीके से जीएसटी लागू करने की गलती को भुगत रहा है और अर्थव्यवस्था मांग की बड़ी भारी कमी से जूझ रही है और जिस तरह से सरकार ने 20 लाख करोड़ के जुमले की घोषणा की है, उससे मांग की सृजन की कोई उम्मीद भी नहीं है। आंकड़ों से ये बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना संक्रमण के फैलने के पूर्व ही अर्थव्यवस्था स्लोडाउन फेज में थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार से इनसवालों का जवाब मांगा हैपिछले 4 साल से लगातार गिरती जीडीपी का जिम्मेवार कौन है? बड़े विज्ञापनों के बावजूद मेक* इन इंडिया स्कीम धराशायी क्यों हुई?20 लाख करोड़ के पैकेज गरीबों, मध्यमवर्ग, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी, निजी नौकरी करने वालों किसी को भी क्यों कुछ नहीं मिला?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना की गंभीर चुनौती के लिए समय पर तैयारी कर पाने में भी मोदी सरकार विफल रही। समय पर विमानतलों में स्क्रीनिंग नहीं की गयी जिसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा है।
-पिछले 4 साल से लगातार गिरती जीडीपी का जिम्मेवार कौन है?
-बड़े विज्ञापनों के बावजूद मेक इन इंडिया स्कीम धराशायी क्यों हुई?
-20 लाख करोड़ के पैकेज गरीबों, मध्यमवर्ग, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी, निजी नौकरी करने वालों किसी को भी क्यों कुछ नहीं मिला?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मांग की है कि अब मोदी सरकार अपनी नोटबंदी और गलत तरीके से जीएसटी लागू करने की विफलता को देश के सामने स्वीकार करे। मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना की गंभीर चुनौती के लिए समय पर तैयारी कर पाने में भी मोदी सरकार विफल रही। समय पर विमानतलों में स्क्रीनिंग नहीं की गयी जिसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है। 30 जनवरी को पहला कोरोना का मामला आने के बाद भी 24 फरवरी को गुजरात में लाखों लोगों को इकट्ठा कर नमस्ते ट्रम्प किया गया परिणामस्वरूप आज गुजरात कोरोना से बेहाल है 15500 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और गुजरात से पूरे देश में गये श्रमिक कोरोना संक्रमण से प्रभावित पाये जा रहे हैं। देश में भी कोरोना पर रोक लगाने में समय पर फैसला मोदी सरकार नहीं कर पायी क्योंकि भाजपा मध्यप्रदेश की निर्वाचित सरकार को गिराने में लगी रही और 23 को भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मध्यप्रदेश में शपथ लेने के बाद 24 मार्च से लाकडाउन किया गया। आज मध्यप्रदेश में 7500 से अधिक कोरोना मरीज हैं। थाली बजाकर, घंटा बजाकर, लाइट बुझाकर, दिया जलाकर कोरोना महामारी से लड़ने जैसे मोदी सरकार के खोखले उपायों का ही परिणाम है कि आज देश में कोरोना प्रभावितों की संख्या एक लाख सत्तर हजार से अधिक होने जा रही है।
अर्थव्यवस्था की हकीकत बयान करते आंकड़े
वित्तीय वर्ष 2020 की जीडीपी विकास दर- केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020 की चौथी तिमाही एवं पूरे वर्ष की जीडीपी विकास दर की घोषणा की, वित्तीय वर्ष 2020 की जीडीपी विकास दर 4.2 प्रतिशत रही एवं चौथी तिमाही की और वित्तीय वर्ष 2020 की विकास दर 3.1 प्रतिशत रही। जिस तरह से सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020 की क्वार्टर 1, क्वार्टर 2 और क्वार्टर 3 की जीडीपी विकास दर को रिवाईज किया है, उससे तो यही लगता है कि आज घोषित चौथे क्वार्टर की विकास दर भी कुछ समय बाद रिवाईज होकर 3.1 प्रतिशत से 2.2 प्रतिशत रह जाएगी, जो कि ज्यादातर अर्थशास्त्री और एक्सपर्ट मान रहे थे। ये जीडीपी विकास दर पिछले 11 सालों की न्यूनतम और पिछले 44 तिमाही की न्यूनतम विकास दर है।
आर्थिक मामले में ट्रिलियन इकानॉमी की बात करने वाली मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक बातों को उजागर करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि-
-1.4 (माईनस 1 प्वाइंट 4) प्रतिशत की मैन्यूफेक्चरिंग ग्रोथ ये स्पष्टतया दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। 2020 की मैन्यूफेक्चरिंग विकास दर 0 प्रतिशत ने सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम की पूरी पोल खोल दी। फैक्ट्री आउटपुट का -16 प्रतिशत पर पहुंचना स्पष्टतया एमएसएमई सेक्टर की व्यथा को बयान करता है और किस तरह इस सेक्टर से रोजगार के अवसर खत्म हुए, उसकी कहानी बताता है।
-0.6 (माईनस 0 प्वाइंट 6) प्रतिशत की औद्योगिक विकास दर स्पष्टतया ये दर्शाती है कि समस्या इकोनॉमी के सारे सेक्टर में है।
क्वार्टर ऑन क्वार्टर जिस तरह से सर्विस सेक्टर नीचे गिरता जा रहा है, जो कि किसी समय में भारतीय अर्थव्यवस्था की शान हुआ करता था, स्पष्टतया सरकार की गलत नीतियों एवं अपेक्षा की ओर, और लगातार अपेक्षा का चिन्हित करता है। -2.2 (माईनस 2 प्वाइंट 2) प्रतिशत की विकास दर कंस्ट्रक्शन सेक्टर में स्पष्टतया ये दर्शाती है कि लॉकडाउन के अनाउंसमेंट के पहले ही प्रवासी मजदूरों एवं कामगारों के मध्य़ भयानक बेरोजगारी उपस्थित थी।
सीएम राहत कोष में पैसा जमा करने का सुझाव..!
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा-आप ही बताएं क्या करें.?
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को किसान न्याय योजना के तहत ₹25000 मिले हैं। ऐसे में कांग्रेस की उस सवाल के जवाब में, जिसमें कहा गया कि, बीजेपी के नेता अपने पैसे मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर सकते हैं..., नेता प्रतिपक्ष ने चुटकी लेते हुए पत्रकारों से ही पूछा है कि, आप ही बताएं इस पैसे का वे क्या करें..? इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर एक बार फिर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है की, अगर भाजपा शासनकाल में इन कांग्रेसियों ने पैसे ना लिए हो तो, अपनी छाती ठोक कर इस तरह की बातें कह सकते हैं। सूची जारी कर बीजेपी के नेताओं को पैसे मिलने की बात कहना कांग्रेस की परंपरा और ओछी राजनीति है।