भाटापारा ; जिला बलौदा बाजार विकासखंड भाटापारा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कैथी में नवीन पंचायत भवन का उद्घाटन किया गया
उक्त कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने गिरीश देवांगन का कैथी ग्राम पदार्पण के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा साथ ही कैथी ग्राम वासियों को नवीन पंचायत और नवीन पंचायत भवन की बधाई दी साथ ही कहा कि भविष्य में विकास की धारा के साथ ग्राम कैथी में विकास कार्य किया जाएगा पश्चात छत्तीसगढ़ खनिज निगम अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने सभी जनप्रतिनिधियों का एवं ग्राम वासियों का स्वागत करते हुए नवीन पंचायत एवं पंचायत भवन की शुभकामनाएं दी एवं साथ ही भविष्य में ग्राम संबंधित किसी भी कार्य के लिए संदेश दिया सभी को आश्वासन देते हुए उन्होंने घर घर जल योजना के तहत कैथी ग्राम वासियों के घर में जल पहुंचाने योजना से अवगत कराया, ग्राम मे सतनामी भवन के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति दी एवं यादव समाज के भवन के लिए भी सहमति दिया इस कार्यकर्म में मुख्य अतिथि गिरीश देवांगन प्रदेश खनिज निगम अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सरिता सत्यनारायण सिंह ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य रमेश , सिमगा ब्लॉक अध्यक्ष डॉक्टर नायक , ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष मंडावी ग्राम सरपंच अभय ,उपसरपंच कृष्णा अन्य जनप्रतिनिधि, ग्राम की सभी पंच एवं ग्रामीण उपस्थित रहे,
बिलासपुर ।राजेश मिश्रा। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग का एक आदेश आजकल सुर्खियों में बना हुआ है यह आदेश स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव जनक कुमार द्वारा दिनांक 21 एक 2021 को पारित किया गया अवर सचिव जनक कुमार ने प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के मौखिक निर्देशों का हवाला देते हुए अलका शुक्ला प्राचार्य शासकीय आईटीआई बिलासपुर को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का परियोजना अधिकारी समन्वयक बिलासपुर का प्रभार दे दिया गया जिससे सवाल खड़े हो गए हैं आखिर मौखिक आदेश के आधार पर नियुक्त कर्मचारियों अधिकारियों की नियुक्ति कब से होने लगी इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में अफसरशाही निरंकुश हो गई है और सरकार का नियंत्रण अफसरों के ऊपर से समाप्त हो गया है इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री प्रेम प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की गई है किंतु सरकार के जिम्मेदार माननीय द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी यह देखने का विषय होगा। इस नियुक्ति से एक बात यह भी स्पष्ट होती है कि अधिकारियों में पहुंच और पैसों का रुतबा रखने वालों के काम को कोई नहीं रोक सकता पैसे के आगे नियम कानून कोई मायने नहीं रखते इसीलिए नियमों को धता बताते हुए सिर्फ मौखिक आदेश पर एक अधिकारी को प्राचार्य से सहायक परियोजना अधिकारी बना दिया गया BBN24news.com इस पत्र की पुष्टि नहीं करता हैं किंतु यह पत्र जारी हुआ है और लगतार वायरल हो रहा है यह पत्र वाकई संबंधित अधिकारी द्वारा जारी किया गया है या फर्जी रूप से जारी कर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किसी के द्वारा किया जा रहा है यह जांच का विषय है
मालखरौदा / जांजगीर चांपा जिला के मालखरौदा जनपद पंचायत पंचायत के अन्तर्गत आने वाले ग्राम भठोरा में रोजगार गारंटी योजना के तहत मंडी परिसर में लगभग 12 लाख रुपए के लागत से निर्मित 6 नग चबूतरा दो बार के कार्य से किया गया है जिनमे से इन दिनों भ्रष्टाचार साफ साफ झलक रही है , हम आपको बता दें कि मंडी परिसर में 6 नग दो दो लाख रुपए के लागत मूल्य से चबूतरा निर्मित किया गया जिसमें बहुत ज्यादा अनियमितता बरती गई है एवं घटिया मेटरियल का उपयोग किया गया है जिसके कारण निर्माण के कुछ ही दिनों में चबूतरा जर्जर हो कर टूट गई है जिसमें साफ साफ लापरवाही देखने को मिल रही हैं। ग्राम भठोरा के कुछ लोगो का आरोप है कि सरपंच द्वारा मंडी निर्माण का कार्य को ठेकादारी दे कर करवाया गया है जिससे कमिशन के फेर में पैसा बचाने की चक्कर में घटिया मटेरियल एवं पतला झड़ का उपयोग किया गया है। अब देखना होगा कि आखिर कब जांच होती है और कब तक कार्यवाही होती है।
"संबधित अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द जांच किया जाए और जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाये"
संदीप सिंह पोयाम ( मुख्य कार्यपालन अधिकारी मालखरौदा )
कई आदिवासीयो को मुखबिर के नाम पर उतार दिया मौत के घाट, पत्रकारों को भी बना रहे निशान
बीजापुर -- जिला मुख्यालय हो दंतेवाड़ा,सुकमा, नारायपुर हो ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण होते हैं परेशान जल जंगल जमीन की लड़ाई में अब तक हजारों आदिवासी जेल पहुंच चुके हैं । वहीं मुठभेड़ में भी आदिवासी ग्रामीण माओवादी मारे गए हैं । अलग-अलग क्षेत्रों में हजारों की संख्या में ग्रामीण आदिवासियों के ही मौत हुई है । कई तरह की परेशानियों का शिकार आदिवासी ग्रामीणों के परिवार को ही उठानी पड़ती है । कुछ दिन पूर्व पुलिस मुखबिरी के नाम पर मेटापाल, पालनार, सावनार, कोंडापल्ली , जैसे आदिवासी क्षेत्र के कई नव युवकों को जनअदालत लगाकर मुखबिरी के नाम पर मौत की सजा दे दी गई माओवादियों के द्वारा परिवार के सदस्यों को उनके शव भी नहीं मिले कितनी खामोशी से कई आदिवासी परिवार ने माओवादी के इस जुल्म को सहा यह कहा जा सकता है । कि एक तरह से मानव अधिकार का हनन किया माओवादियों के खिलाफ परिवार ने दबी जुबान से विरोध तक नहीं किया खामोशी से सह लिय क्योंकि अगर आवाज उठती तो अगली बारी किसी और परिवार की होती । छत्तीसगढ़ के बस्तर के कई इलाके जंगली क्षेत्रों में आते हैं । जहां माओवादियों के अपने कब्जे में कर लिया है । सरकार के साथ भ्रष्टाचार की लड़ाई ,सलवा जुडूम की लड़ाई से बचें कुछ परिवार को खत्म करने का जुनून माओवादीयो में कुछ इस कदर हैं कि कभी भी कही भी किसी को भी मार देते है ।दूसरी ओर माओवादी और पुलिस के बीच के बीच छिड़ी जंग से कई आदिवासी बेकसूर परिवार को सजा मिल रही हैं ।माओवादियों की संगठन का कोई लीडर यह नहीं समझ पा रहा है । क्षेत्र की समस्याओं को कैसे दूर करे परंतु माओवादी लीडर सिर्फ जन अदालत लगाकर अनजान व्यक्ति को मुखबिरी का नाम दें मौत की सजा ही दे पाते हैं । उसके बदले में ग्रामीण क्षेत्र के कई निर्दोष युवक पुलिस के हत्थे चढ़े जेल पहुंच चुके हैं ।
पत्रकारों को भी बना रहे हैं निशान पिछले दोनो माओवादीयो के द्वारा दो वरिष्ट पत्रकारों को मार चुके है । वही कुछ दिनों पहले एक पेड़ में पर्चा लिख कर पत्रकार को मारने की बात लिखी थी । माओवादी सगठन के बड़े लिडर एक ओर बोलते है । कई घटनाओं के होने के बाद प्रेस नोट जारी कर जाँच करें की बात बुद्विजीवियों से कहते हैं । दूसरी ओर पत्रकार ,बुद्विजीवी वर्ग को भी अपने जाना का खतरा है । माओवादी सगठन से क्योंकि की सगठन में मिलिशय वर्ग के माओवादीयो को जानकारी नहीं होती किसी भी बात की क्योंकि य मिलिशय वर्ग ओ आदिवासी समुदाय के लोग है । जो गाँव मे रह कर छोटा -मोटा काम कर के जीवन यापन कर रहे है । साथ ही माओवादियों के काम भी करते है किसी बात की जानकारी नहीं होती बड़े लीडरों की जब गाँव की ओर पुलिस जाती हैं । बेगुनाह और आदिवासी क्षेत्रों के आदिवासी ग्रामीण पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं और या मुठभेड़ में मारे जाते हैं या जेल भेज दिए जाते हैं फिर उनके परिवार पर आती है बड़ी विपत्ति जल जंगल जमीन की लड़ाई करने वाले की मदद कोई नहीं करते फिर परिवार के पास पैसे तक नहीं होते कोर्ट के लिए ना जगदलपुर, दंतेवाडा, बीजापुर में बंद अपने परिवार के सदस्य जो जेल में है उनसे मिलने जाने के लिए ऐसे कई परिवार है जो कई सालों से परिवार से दूर है ।
सामाजिक कार्यकर्ता व वकील बेला भाटिया कहती हैं विश्व भर में शोषित वंचित वर्ग के अथक संघर्ष और बलिदानों के बाद सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्वव्यापी मानव अधिकार घोषणापत्र में प्रत्येक मनुष्य के बुनियादी मानव अधिकार को मान्यता दी अगर हम एक बेहतर समाज चाहते हैं तो सबसे पहले हमें खुद बाघ्य होना पड़ेगा की हम किसी के मानव अधिकार का हनन ना करें यही लोकतांत्रिक होने की एकमात्र कसौटी है बस्तर में चल रहे युद्ध का निराकरण तभी हो सकता है जब सरकार और सीपीआई (माओवादी) मानव अधिकारो की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे ।
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी कहती हैं कि माओवादियों के द्वारा लगाए गए बैनर पोस्टर की प्रशासन ,सरकार से जांच होनी चाहिए कार्यवाही होनी चाहिए एक कमेटी बनाकर लोगों से बैठकर चर्चा भी होनी चाहिए । तभी सच्चाई सामने आएगी ।
मालखरौदा / सचिव संघ एवं रोजगार सहायक संघ द्वारा लगातार हड़ताल जारी है और अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर लगातार नए नए प्रदर्शन कर रहे हैं इसी कड़ी में आज हड़ताल के 18 वें दिन से सचिव संघ जनपद पंचायत मालखरौदा के समस्त सचिव एवं समस्त रोजगार सहायक के द्वारा आज छत्तीसगढ़ सरकार को गहरे नींद से जगाने एवं विरोध प्रदर्शन के लिए समस्त सचिव 12/01/2021 से 20/01/2021 को भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। जिसमे क्षेत्र के समस्त सचिव एवं रोजगार सहायक ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया है और सभी सरकार के विरोध में प्रदर्शन के लिए डटे हुए हैं।
प्रदेश स्तर में राजधानी पर हड़ताल करने की तैयारी
प्रदेश सचिव संघ ब्लाक इकाई मालखरौदा के सचिवों से बात करने पर उन्होंने कहा कि 21/01/2021 से प्रदेश सचिव संघ के प्रांतीय आव्हान पर समस्त सचिव साथी राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर भव्य रूप से हड़ताल करेंगे जिसमे समस्त ब्लाक से सचिव साथी बढ़ चढ़ कर भाग लेने के लिए अपने अपने ब्लाक से रवाना होंगे ।