25वीं मन की बात: पीएम मोदी ने जवानों के नाम की दिवाली, कहा- ज़िंदगी के हर मोड़ पर देश के लिए काम करते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार (30 अक्टूबर) को 25वीं मन की बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 अक्टूबर) को देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए इस त्यौहार को देश के जवानों के नाम किया। सीमा पर देश की सुरक्षा के लिए तैनात सेना के लिए उन्होंने #Sandesh2Soldiers अभ्यान का भी जिक्र किया। देश पर जान न्यौछावर करने वाले जवानों के लिए उन्होंने कहा, ‘हमारे जवान ज़िंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने दीपावली के त्योहार को स्वच्छता अभियान से भी जोड़ा। मोदी ने कहा कि दिवाली का पर्व ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ – अन्धकार से प्रकाश की ओर जाने का एक सन्देश देता है। उन्होंने कहा, ‘समय की माँग है कि सिर्फ़ घर में सफ़ाई नहीं, पूरे परिसर की सफ़ाई, पूरे मोहल्ले की सफ़ाई, पूरे गाँव की सफ़ाई है।’ इस मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार और उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले छठ पर्व का भी उल्लेख किया। ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान के अंतर्गत केरल और हिमाचल प्रदेश की तारीफ की। उन्होंने कहा, इन राज्यों में जिस तरह से ‘खुले में शौच’ को लेकर चलाया जा रहा है वह वास्तव में दूसरे राज्यों के लिए मिसाल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटले के जन्मदिन और इंदिरा गांधी की हत्या (31 अक्टूबर) का भी उल्लेख किया। इस संबंध में उन्होंने पंजाब के एक युवक जसजीत के सवाल का जवाब दिया। जसजीत ने पीएम से पूछा कि सरदार पटेल के जन्मदिन के दिन यानी 31 अक्टूबर के दिन ही इंदिरा गांधी की हत्या हुई और फिर हजारों सरदारों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसे कैसे रोका जा सकता है। इसपर पीएम मोदी ने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि चाणक्य के बाद सबको एक करने का काम पटेल ने किया। लेकिन सरदार के जन्मदिन पर ही श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सरदारों पर अत्याचार हुआ जो ठीक नहीं है। हम सबको साथ रहना है। सबका विकास करने के लिए सबको एक साथ आगे बढ़ना होगा।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ के मुख्य अंश:
मेरे प्यारे देशवासियों, आप सबको दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
भारत एक ऐसा देश है कि 365 दिन, देश के किसी-न-किसी कोने में, कोई-न-कोई उत्सव नज़र आता है।
ये दीपावली का पर्व ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ – अन्धकार से प्रकाश की ओर जाने का एक सन्देश देता है।
समय की माँग है कि सिर्फ़ घर में सफ़ाई नहीं, पूरे परिसर की सफ़ाई, पूरे मोहल्ले की सफ़ाई, पूरे गाँव की सफ़ाई।
दीपावली, ये प्रकाश का पर्व, विश्व समुदाय को भी अंधकार से प्रकाश की ओर लाए जाने का एक प्रेरणा उत्सव बन रहा है।
दीपावली का त्योहार भी मनाते हैं और छठ-पूजा की तैयारी भी करते हैं।
सेना के जवान सिर्फ़ सीमा पर नहीं, जीवन के हर मोर्चे पर खड़े हुए पाए जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हो, कभी क़ानूनी व्यवस्था के संकट हों, कभी दुश्मनों से भिड़ना हो, कभी ग़लत राह पर चल पड़े नौजवानों को वापिस लाने के लिये साहस दिखाना हो – हमारे जवान ज़िंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं।
मैं हरियाणा प्रदेश का अभिनन्दन करना चाहता हूँ कि उन्होंने एक बीड़ा उठाया है। हरियाणा प्रदेश को Kerosene मुक्त करने का।
समय की माँग है कि हमें अब, देश के ग़रीबों का जो aspirations जगा है, उसको address करना ही पड़ेगा।
मुसीबतों से मुक्ति मिले, उसके लिए हमें एक-के-बाद एक कदम उठाने ही पड़ेंगे।
समाज को बेटे-बेटी के भेद से मुक्त करना ही होगा।
31 अक्टूबर, देश के महापुरुष – भारत की एकता को ही जिन्होंने अपने जीवन का मंत्र बनाया -ऐसे सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म-जयंती का पर्व है।
महापुरुषों को पुण्य स्मरण तो हम करते ही हैं, करना भी चाहिए।