मदन खांडेकर
भटगांव:-नगर भटगांव सहित आसपास के ग्रामीण अंचल मे तीजा पर्व को लेकर एक अलग ही उत्साह उमंग देखने को मिला। जहां इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अधिकांश महिलायें अपने अपने ससुराल मे रहकर बिना मयाके जाये भी बड़े उत्साह उमंग के साथ हरितालिका तीज का पर्व मनाया गया। वही शुक्रवार को सुबह से ही महिलाऐं सोलह श्रृंगार कर अपने अपने घरों मे ही विशेष पूजा अर्चना किये व अक्षय सुहाग के लिए निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना की, जहां तीज पर्व के एक दिन पहले यानि गुरूवार रात्रि को अपने अपने घर परिवार एवं रिश्तेदार के यहां करू भात खाकर तीजा का व्रत प्रारंभ किया। साथ ही शुक्रवार को पूरे दिन रात निर्जला उपवास रखकर भगवान शंकर व माता पार्वती एवं भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर अपने पति की दीर्घायु होने की कामना किये और साथ ही मान्यताओं के अनुसार साल मे चार तीज आता है लेकिन उन सभी तीजो मे हरितालिका तीज का सबसे अधिक महत्व है इस व्रत को करने वाली सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का फल मिलता है व कुवारियों युवतियों को मनचाहा वर की प्राप्ति होती है। वही ग्रामीण अंचल मे तीजा पर्व को लेकर भारी उत्साह और उमंग देखने को मिला तो वही ससुराल से मायके पहुंची कुछ बेटियों को परिवार व घर के लोगो द्वारा उपहार भी भेट किया गया जहां तीजा को लेकर महिलाओं मे खासा उत्साह देखने को मिला और तीज के पर्व पर महिलाऐं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखते है और फिर अगले दिन भगवान शिव व माता पार्वती विवाह की कथा श्रवण एवं विधि-विधान से पूजा अर्चना किया गया। जहां पूरे तीज पर्व के दौरान नगर भटगांव के हर घरों मे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भरमार था और सभी महिलाऐं जो है अपने अपने घरों मे ठेठरी, खुरमी, आईसा, पप्ची, बड़ा भजिया सहित विभिन्न प्रकार की फरहार रुपी व्यंजन बनाते है और तीज के अगले दिन फरहार करते है और अपना तीजा का व्रत तोड़ते है।कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन को जब केंद्र सरकार ने 2 महीने बाद हटाया था तभी भी रायपुर अल्कोहल कंजम्पशन के मामले में नंबर वन था
रायपुर. 2019 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 35 फीसदी से अधिक लोग शराब पीते हैं, जो इस मामले में देश के दूसरे राज्यों से अव्वल है. उन आंकड़ों में बताया गया कि शराब पीने के मामले में दूसरे नंबर पर त्रिपुरा और तीसरे नंबर पर पंजाब के लोग हैं. प्रति व्यक्ति खपत के आधार पर देखें तो शराब के मामले में छत्तीसगढ़ आबादी में अपने से चार गुना बड़े महाराष्ट्र से भी दोगुनी ज्यादा कमाई कर रहा है. इस बार भी ऐसा ही कुछ है. कोरोना महामारी के दौर में एक बार फिर राज्य में शराब की जबर्दस्त खपत हो रही है और पूरे राज्य में रायपुर शराब के मामले में नंबर वन है. हालांकि, छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के का ऐलान किया था, जिसके आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर विपक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमले तेज कर दिए हैं.2018 में किया था वादा
साल 2018 में राज्य की 68 सीटें जीतने से पहले ही कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पू्र्ण शराबबंदी का वादा किया था. जबकि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ सरकार केरल के बाद शराब के ठेके खोलने वाला दूसरा राज्य था. यहां तक तक राज्य में ऑनलाइन डिलिवरी भी शुरू की गई थी. ऐसे में विपक्ष ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर यू-टर्न का आरोप लगाया है.क्या कहती है PRS रिपोर्ट
दिसंबर 2019 में छपी PRS India की State of State Finances: 2019-20 रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार का 22 प्रतिशत रेवेन्यू सिर्फ एक्साइज ड्यूटी से ही आता है. कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन को जब केंद्र सरकार ने 2 महीने बाद हटाया था तभी भी रायपुर अल्कोहल कंजम्पशन के मामले में नंबर वन था. उस समय राज्य की सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत कोरोना सेस भी लगाया था. हालांकि कोविड-19 के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बात को दोहरा चुके हैं कि यह कठिन समय है और इस तरह राज्य में इस तरह से रेवेन्यू नहीं जुटाया गया तो कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो जाएगा.पंजाब में हुई थीं 120 लोगों की मौत
इसी महीने अगस्त में पंजाब में भी जहरीली शराब की एक दिह दहला देने वाली घटना हुई थी. पंजाब में जहरीली शराब पीने से करीब 120 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर को विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ा था. हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री ने पहले ही इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए SIT भी बनाई गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है. पंजाब की इस घटना को आधार बनाकर, छत्तीसगढ़ में फिर से शराबबंदी की मांग उठने लगी है.आशीष कश्यप शिवरीनारायण (विशेष खबर)
जांजगीर चाम्पा जिले के शिवरीनारायण नगर लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रही हैं। इसके बाद भी आजतक इस ओर किसी का ध्यान नही गया। यहां के जनप्रतिनिधि महज वोट मांगने तक ही जनता से वास्ता रखते हैं वहीं अधिकारी मंदिर दर्शन के अतिरिक्त यहाँ आकर और कोई काम नही करते है ऐसा कहना है शिवरीनारायण के नगरवासियों का हैं |गौरतलब है कि शिवरीनारायण के आसपास के 50 गांवों का केंद्र बिंदु होने के बाउजूद यहाँ रोजाना बड़ी संख्या में आसपास के लोग अपने व परिजनों के इलाज के लिए पहुँचते हैं। लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम से सिर्फ एक मात्र सिविल डिस्पेंसरी संचालित है। जिसमे एक सरकारी डॉक्टर अपने कुछ कर्मचारियों के साथ लोगो को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया लंबे समय से करा रही हैं। अक्सर देखा जाता हैं कि यदि दुर्घटना में घायल कोई मरीज इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुँचता हैं तो उसे अन्यत्र रिफर करने के आलावा कोई रास्ता नही होता।समय पर इलाज नही मिलने से बहुतों की जान तक भी चली जाती हैं। क्योंकि शिवरीनारायण में कोई दुर्घटना होती हैं तो घायलों को पामगढ़, जांजगीर या फिर बिलासपुर के हॉस्पिटल में रिफर कर दिया जाता हैं। नगर के हॉस्पिटल से इन जगहों की दूरी 20 से 60 किलोमीटर हैं। गम्भीर रूप से घायल मरीजो को इतनी दूरी तय करने के दौरान जान पर बन आती हैं। समय पर इलाज नही मिलने से दुर्घटना में घायल व्यक्ति काल के गाल में समा जाते है।
नगर में मुख्यमंत्री से लेकर विभिन्न विभागों के मंत्रियों का आनाजाना लगा रहता हैं। हर बार नगर के जनप्रतिनिधि,समाजसेवी, युवा वर्ग,जिम्मेदार नागरिकों द्वारा नगर में आये मुख्यमंत्री, मंत्रीगण तक नगर में व्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से अवगत कराया जाता हैं। लेकिन नगर की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने का आश्वासन देकर जिम्मेदार मंत्री अधिकारी चलते बनते है। इन जिम्मेदार लोगों के जाने के बाद नगर की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए दिया गया आवेदन रद्दी की टोकरी में चला जाता हैं। हर बार नगर के लोग इसी आस में सरकार के नुमाइंदों को अपना मांग पत्र सौपते हैं, की नगर में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हो जाये लेकिन हर बार लोगो को निराशा ही हाथ लगती हैं। बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण लोगो को अन्यत्र इलाज कराने मजबूर होना पड़ता हैं। सरकारी हॉस्पिटल में न तो ठीक से इलाज मिल पाता हैं और न ही दवाई की व्यवस्था रहती हैं। सरकारी हॉस्पिटल में असुविधा को देखते हुए लोग निजी डॉक्टरों से इलाज कराने विवश हैं। निजी डॉक्टर भी इलाज कराने आये लोगो की मजबूरियों का जम कर फायदा उठाते हैं। सरकारी हॉस्पिटल में सुविधाएं नही होने के कारण गरीब तबके के लोग निजी डॉक्टरों के क्लीनिक में लूटने को मजबूर है। नगर में ब्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का सबसे बड़ा कारण जिम्मेदार विभाग का ध्यान नही देना है। हर बार आश्वासन देकर नेता मंत्री चलते बनते है। नगर के सिविल डिस्पेंसरी में आजतक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ोतरी के लिए कुछ भी नही किया गया है। नगर व आसपास के लोग शासन प्रशासन की उदासीनता के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से रोजाना अपने किसी न किसी को खोने को मजबूर है। लोग इलाज के अभाव में अपने परिजनों को खो रहे है और प्रशासनिक अमला मुख दर्शक बने हुए है। सिविल डिस्पेंसरी हॉस्पिटल में नही है पर्याप्त स्टॉप नगर में स्वास्थ्य सुविधाओं की पूर्ति के लिए जिस सिविल डिस्पेंसरी हॉस्पिटल संचालन नगर में हो रहा है उस हॉस्पिटल में स्टॉप की कमी है। एक डॉक्टर और कुछ नर्स नगर के लोगो को जैसे तैसे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहे है। नगर के हॉस्पिटल में न तो एम्बुलेंस है और न ही स्टॉप, लेबर रूम, बॉउंड्रीवाल का निर्माण नही होने से हॉस्पिटल की भूमि पर लोगो ने अतिक्रमण भी कर लिया है। हर बार शासन प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की बात की जाती है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। यदि शिवरीनारायण थाना अंतर्गत आने वाले शहर हो या गांव में किसी की दुर्घटना,फाँसी,जहर खुरानी,करंट से मौत, या अन्य कारणों से मौत हो जाने पर शव का पोस्टमार्टम करने का नियम होता है। नगर में पोस्टमार्टम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोस्टमार्टम के लिए नियुक्ति तो कराया गया है लेकिन उसके द्वारा शव का विच्छेदन करने के एवज में 2 से 3 हजार की राशि की मांग मृतक के परिजनों से की जाती है। मृतक के परिजन किसी न किसी तरह पोस्टमार्टम करने वाले के द्वारा मांगी गई राशि की व्यवस्था करते है। क्योंकि वह जानते है कि राशि की व्यवस्था नही कर पाए तो पोस्टमार्टम नही हो पाएगा और शव पड़ा रहेगा।पोस्टमार्टम कराने के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करने को लोग मजबूर होते रहते है। यदि मृतक के परिवार वाले राशि की व्यवस्था नही कर पाते तो उन्हें पोस्टमार्टम करने वाले द्वारा पैसे के लिए दबाव बनाया जाता है। यह घटना रोजना देखने को मिल ही जाती है। शव पोस्टमार्टम के लिए गरीब परिवार आखिर कब तक लूटते रहेंगे अधिकारी भी नही बता पा रहे है।मदन खांडेकर
बिलाईगढ़:-बीते दिनों शासकीय आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ बंजारे का किया सम्मान, साथ ही बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शासकीय आयुर्वेद औषधालय पवनी कर्मचारी अनूप गुप्ता का सम्मान किया। प्रभारी मन्त्री ने समारोह के मुख्य मंच से जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करते हुये कर्मचारी गुप्ता को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि डॉ गुप्ता ने जिला प्रशासन के नेतृत्व में लड़ी जा रही कोरोना की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने विशेषकर आयुर्वेद काढ़ा के जरिये बिलाईगढ़ क्षेत्र के लोगों की रोग प्रतिरोधक बढ़ाने और इस संबंध में जनजागरूकता लाने अभियान छेड़ा हुआ है। कर्मचारी अनुप गुप्ता द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों को पिलाया गया काढ़ा बीते दिनों बलौदाबाजार जिला आयुर्वेद अधिकारी के निर्देशन में शासकीय आयुर्वेद औषधालय पवनी के कर्मचारी अनुप गुप्ता द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों को पिलाया गया था काढ़ा ,जिसमे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पवनी और लुकापारा में रुके श्रमिको को त्रिकुड़ काढ़ा और आयुष 64 टैबलेट वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में कोरोना संकट को लेकर चर्चा करते हुए उन्होंने कोरंटाइन सेंटर में रहने वाले सभी लोगों को आर्सेनिक अल्वा, जिंक और विटामिन सी की टैबलेट देने के साथ-साथ काढ़ा देने का निर्देश दिया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी तुलसी, दालचीनी, सूखा अदरख व काली मिर्च के मिक्चर को पानी में उबालकर पीने की सलाह दी है। वही शासकीय आयुर्वेद औषधालय जिला के कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने सम्मान नही मिलने पर खेद व्यक्त करते हुए आरोप लगा दिया है। आत्मसम्मान को ठेस पहुचे पर ऐसा सम्मान नही चाहिए कर्मचारी गुप्ता वही शासकीय आयुर्वेद औषधालय पवनी के कर्मचारी अनुप गुप्ता ने उसके ऊपर शिकायत करने वालो को कहा है कि मुझे जातिगत दुर्भावना से ये शिकायकत किया गया है में अपना सम्मान वापस करना चाहता हु मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुचे है ऐसा सम्मान मुझे नही चाहिए। लेकिन शासकीय आयुर्वेद औषधालय पवनी के कर्मचारी अनुप गुप्ता द्वारा बिलाईगढ़ क्षेत्र में अपना विशेष योगदान दिया जाता रहा है चाहे योग शिविर के क्षेत्र में या लोगो काढा पिलाने में कर क्षेत्र में गुप्ता जी योगदान सहरानीय हैं।मदन खांडेकर
गिधौरी/बलौदाबाजार-भाटापारा:-जिले में आज फिर कोरोना के 9 नये मरीज़ों की पहचान की गई है। वहीं इलाज़ के बाद ठीक होने पर 12 मरीज़ों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज मिले प्रकरणों में बलौदाबाजार के गाड़ाडीह सतनामी पारा में 1 प्रकरण, खपराडीह बलौदा बाजार में 1 प्रकरण, बलौदाबाजार शहर के वार्ड पांच में 2 प्रकरण और रवान के वार्ड नम्बर 14 में 1 प्रकरण तथा भाटापारा के बजरंग वार्ड में 1 प्रकरण की पहचान की गई है। कसडोल में मिले 3 प्रकरणों में एक तातिपाली गेट के पास कसडोल, दूसरा संतोषी मन्दिर के पास कसडोल और तीसरा ब्लॉक कॉलोनी के पास कसडोल शामिल हैं। इन्हें मिलाकर जिले में कोरोना से संक्रमित मरीज़ों की संख्या 591 तक पहुंच गई है। इनमें से 484 मरीज़ों का इलाज हो चुका है। शेष 107 मरीज़ों का इलाज चल रहा है।संक्रमित लोगों में से दो की मौत हुई है।मदन खांडेकर
गिधौरी /टुण्डरा:-थाना गिधौरी अपराध क्रमांक 22 अप्रैल 20 धारा 363 भा. द. वि. के अज्ञात आरोपी के विरोध 27/01/20 को प्रार्थी ग्राम सेमरा निवासी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया था कि दिनांक 26/01/ 2020 को अज्ञात आरोपी द्वारा इसकी नाबालिक लड़की को बहला-फुसलाकर भगा कर ले गए हैं की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय बलौदा बाजार श्रीमान इंदिरा कल्याण एलेसेला के निर्देशानुसार श्रीमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदया बलौदा बाजार श्रीमती निवेदिता पाल , श्रीमान एसडीओपी बिलाईगढ़ श्री संजय तिवारी महोदय के कुशल मार्गनिर्देर्शन में थाना प्रभारी ओपी त्रिपाठी द्वारा थाना स्तर पर टीम गठित कर अज्ञात आरोपी एवं नाबालिक लड़की की लगातार सायबर सेल बलौदाबाजार सहयोग से पता तलाश किया जा रहा था मुखबिर से सूचना मिला की ग्राम लोहारसी बोटारी उर्फ सुरेश चौहान द्वारा भगाकर अपने गांव लोहारसी से लखनऊ उत्तर प्रदेश ले गया था जो लॉक डाउन होने से अपने घर ग्राम लोहारसी में आकर छिपे हुए हैं की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा कर वरिष्ठ दिशा निर्देशानुसार आरोपी के सकुनत पर दबिश देकर आरोपी के कब्जे से नाबालिक लड़की को बरामद किया गया है आरोपी का कृत्य धारा 366 376 भा द वि 4, 6 पास्को एक्ट का अपराध घटित कर ना पाए जाने से आरोपी बोटारी उर्फ सुरेश चौहान पिता दशाराम चौहान उम्र 19 साल ग्राम लोहरसी थाना शिवरीनारायण जिला जांजगीर चांपा को दिनांक 20/08/20 को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही थाना प्रभारी ओ.पी. त्रिपाठी, प्रआर 175 दिलीप टोप्पो आर. 654 कार्तिकेश्वर कश्यप ,आर 351 चन्द्रेश कश्यप, आर 781 प्रफुल्ल काँत रात्रे, मआर 447 रीना बघेल का विशेष योगदान रहा।