3 किलोमीटर तक लंबा जाम
वहीं घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने मुख्यमार्ग में चक्काजाम कर दिया जिससे आवाजाही पूरी तरीके से बंद हो गई ट्रकों कि लंबी कतरा लग गई
बिर्रा पुलिस कि लापरवाही
वहीं एक बार फिर बिर्रा पुलिस कि लापरवाही सामने आई हैं,बिर्रा पुलिस सूचना के बाद भी नहीं पहुंचने पर लोग आक्रोशित होने लगे।112 की टीम बिर्रा पुलिस से पहले पहुंच चुकी थी जबकि घटना थाना से महज 400 मीटर कि दूरी पर हुई थी, इससे पहले भी दशहरे में ट्राफिक व्यवस्था को लेकर लापरवाही सामने आई थी जिसमें काफी किरकिरी हुई थी,वहीं अवैध शराब विक्रेताओं पर कार्यवाही नहीं करने समेत अनेक मामले सामने आये थे अब देखना होगा कि उच्च अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतने पर फिर अभयदान दिया जाता है या फिर कोई कार्यवाही कि जाती हैं
वहीं उच्चाधिकारियों द्वारा मुआवजे दिलाए जाने के बाद चक्काजाम लगभग 10 बजे हटा।मार्ग में जाम की स्थिति बनी रही।बिर्रा पुलिस ने औपचारिकता पूरी कर शव परिजनों को सौंपा गया।तात्कालिक सहायता शसन से 50 हजार रूपये दी गई।दादी-पोते का स्थानीय मुक्तिधाम में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
ओवरलोडिग भारी वाहनों के कारण दुर्घटना
शिवरीनारायण-बिर्रा-रायगढ मार्ग में चमचमाती सड़क पर ओवरलोडिग भारी वाहन तेजरफ्तार से फर्राटे भर रहे हैं, ओवरलोडिग वाहन पर कार्यवाही नहीं होने के कारण आयदिन हादसे होते रहते हैं, जिसका खमियाजा लोगों को जान गवाकर उठाना पड़ रहा है
दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की 9 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार कर श्यामगिरी से दंतेवाड़ा लौट रहे थे। तब ही रास्ते में नक्सलियों ने आइडी ब्लॉस्ट कर उनका वाहन उड़ा दिया। मौके पर ही विधायक भीमा की मौत हो गई जबकि सुरक्षा में साथ चल रहे चार जवान भी शहीद हो गए थे। नक्सली मौके से एक नाइन एमएम की पिस्टल, रायफल व मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। नक्सली वारदात होने के कारण मामले की जांच एनआईए को करनी थी। राज्य शासन ने एनआईए को जांच से रोकते हुए दंतेवाड़ा पुलिस को जांच का आदेश दिया। इसके खिलाफ एनआईए ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि एनआईए एक्ट के तहत नक्सली वारदात होने के कारण जांच का अधिकार एनआइए के पास है। राज्य सरकार उन्हें जांच से नहीं रोक सकती है। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के उपरांत स्थानीय पुलिस की जांच पर रोक लगाते हुए शासन से जवाब मांगा था। शासन ने जवाब प्रस्तुत कर कहा कि एनआइए एक्ट राज्य शासन के अधिकार का हनन नहीं कर सकता है। इस कारण मामले की जांच का अधिकार पुलिस को है।
पूर्व मुख्य सचिव अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह को हइकोर्ट से बड़ी राहत।
हाईकोर्ट ने जांच कमिटी के द्वारा जारी नोटिस पर लगाई रोक।
साथ ही शासन को जारी किया नोटिस।
HC ने यास्मीन सिंह के ऊपर नो *कोरसिव स्टेप* यानी किसी भी कार्यवाई करने पर लगाई रोक।
अब यास्मीन की याचिका पर 20 नवंबर को होगी अगली सुनवाई।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे हैं अमन सिंह।
उनकी पत्नी है यास्मीन सिंह।
सामान्य प्रशासन के द्वारा गठित की गई थी जांच कमिटी।
कमेटी के खिलाफ यास्मीन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी ।
कांग्रेसी प्रवक्ता विकास तिवारी की शिकायत पर बनाया गया है जांच टीम।
विकास तिवारी ने यास्मीन की नियुक्ति पर उठाए थे सवाल।
हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बैंच में लगा था मामला।
अब कोर्ट ने यासमीन को राहत दी है।
और अगली सुनवाई 20 नवंबर को रखी गई है।
0 अमित जोगी की जमानत याचिका मंजूर।
0 बिलासपुर हाईकोर्ट ने दी मंजूरी ।
0 जस्टिस आरसीएस सामन्त की कोर्ट में था मामला।
0 आज सुनवाई के बाद जमानत याचिका को मंजूरी मिल गई।
0 जोगी परिवार को यह बड़ी राहत है।
0 इससे पहले जोगी की दो याचिकाएं खारिज हो चुकी थी।
0 लंबे इंतजार के बाद अब आखिरकार अमित जोगी जेल के बाहर होंगे।
0 अधिकारी समुंद्र सिंह नहीं लगाई थी अग्रिम जमानत याचिका।
0 बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका।
0 अबकारी विभाग में काम के दौरान इन्होंने ।
0 सरकार को तकरीबन 14 सौ करोड रुपए का चूना लगाया था ।
0 इससे पहले कि f.i.r. होती समुद्र सिंह फरार हो गए।
0 और अब मामला कोर्ट में आने के बाद उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी कोर्ट ने एक्सेप्ट नहीं की।
बीजापुर: माओवादियों ने मुखबिरी के आरोप में की ग्रामीण की हत्या। हत्या कर शव को फेंका मोरमेड-तोयनार चौक पर। मृतक का नाम माड़वी रामलु। दुपेली गांव का निवासी है मृतक। पर्चे फेंककर माओवादियों के नेशनल पार्क एरिया कमेटी ने ली हत्या की जिम्मेदारी।