पुलिस के मुताबिक, ग्राम दरचुरा में 3 जून को हाईवे पर प्रिंस पेट्रोल पंप के सामने आर्मी जवान दीपक सिंह कार खड़ी कर आराम कर रहे थे. साथ में उनका परिवार भी था. इस दौरान चार आरोपियों ने धारदार हथियार से हमला बोल दिया, जिसमें उसे चोट भी आई. आरोपियों ने दो सोने की चैन लूट लिया. इसके बाद 10 दिसंबर को भी इसी तरह की घटना सामने आई. अतमरा निवासी रामकुमार सिन्हा पिता नारद राम सिन्हा से भृगु पेट्रोल पंप के सामने अपने साथियो के साथ कार में आराम कर रहा था. तभी रात में 2:35 बजे अज्ञात तीन आरोपियों ने कार के कांच को पत्थर से तोड़ दिया. रामकुमार पर चाकू से वार कर एक सोने की चैन एवं एक अंगूठी और नगद 5 हजार रुपये लूट कर भाग गए.
नेशनल हाईवे में इस प्रकार लगातार घटना को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नीथू कमल ने थाना सिमगा में बैठक लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जेआर. ठाकुर, निवेदिता पाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी के बी. द्विवेदी के निर्देशन में टीम गठीत कर आरोपियों को पकड़ने आवश्यक निर्देश दिए. टीम ने मुखबिरों के माध्यम से पता किया तो पता चला कि पुलिस विभाग से बर्खास्त सिपाही जोगेन्द्र फेकर पिता जय किशन फेकर (28) खरतौरा थाना पलारी हाल गणेशपुर में अरूणा मसीह को औरत बनाकर गणेशपुर में रह रहा है. करुणा मसीह एवं हिमांशु बांधे एवं अन्य 2 नाबालिगों को मिलाकर योजना बनाकर तथा रेकी कर लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे. आरोपियों की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने धावा बोला और सभी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से लूटे गये सामान तथा चाकू जब्त किया गया, ये आरोपी गिरफ्तार-
करूणा मसीह पति अनिल मसीह (35) निवासी विश्रामपुर, थाना सिमगा.
जोगेंद्र फेकर पिता जयकिशन फेकर (28) निवासी खरतोरा, थाना पलारी.
हिमांशु बांधे पिता स्व राकेश बांधे (26) निवासी विश्रामपुर, थाना सिमगा.
आपको बतादे की अभियोजन के अनुसार वर्ष 2010 में आरोपी अयोध्या प्रसाद साहू, अश्वनी नामदेव, उषा ज्योति, शिवराज साहू एवं राजेन्द्र सिंह द्वारा गोपियापारा के महिला समूह की महिलाओं को मछली पालन एवं कुुक्कुट पालन में अत्यधिक लाभ का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये एकत्र किये गये। कुछ दिनों बाद सभी आरोपी भाग गये थे। महिलाओं द्वारा घटना की शिकायत पुलिस में करने पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर वर्ष 2013 में आरोपियों के खिलाफ अकलतरा न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में चालान पेश किया गया। आरोपी शिवराज साहू एवं राजेन्द्र सिंह फरार हैं, जबकि अयोध्या प्रसाद, अश्वनी और उषा को भादवि की धारा 420 के लिए 2-2 वर्ष कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ सोनू अग्रवाल ने पैरवी किया।