Date : 04-December-2016 9:00:15 pm
अपनी धरती से आतंकवाद पनपने को लेकर तीखी आलोचना झेल रहे पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने रविवार (4 दिसंबर) को पलटवार करते हुए कहा कि किसी एक देश पर दोषारोपण करना ‘सरल’ है। उन्होंने इसके साथ ही ‘हार्ट ऑफ एशिया’ (एचओए) सम्मेलन में भारत-पाक संबंधों के तनाव का मुद्दा उठाया। अजीज ने जोर दिया कि नियंत्रण रेखा पर ‘तनाव’ के बावजूद उनका बैठक में शामिल होना अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान की पूरी प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस सम्मेलन के रद्द होने पर अप्रसन्नता जतायी और क्षेत्रीय सहयोग के लिए इसे झटका बताया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुद्दे का जिक्र नहीं किया।
अजीज ने कहा कि अफगानिस्तान जिन गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, पाकिस्तान उससे अवगत है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम उनकी नजर में लगातार हिंसा और आतंकवादी कृत्यों में दर्जनों लोगों की जान जा रही है। इसे सामूहिक प्रयासों के जरिए प्रभावी तरीके से और हल करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति काफी जटिल है। हिंसा में हाल में वृद्धि को लेकर किसी एक देश पर दोषारोपण करना सरल है। हमें एक वस्तुपरक और व्यापक रूख रखने की जरूरत है।’ अजीज की इस प्रतिक्रिया के पहले भारत और अफगानिस्तान ने आतंकवाद का समर्थन करने और उसे प्रायोजित करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा तथा आतंकवादियों के साथ साथ उनके आकाओं के खिलाफ ‘ठोस कार्रवाई’ का आह्वान किया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक मंत्री स्तरीय सम्मेलन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। गनी ने देश के खिलाफ ‘अघोषित युद्ध शुरू करने के लिए’ पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला और पाक-प्रायोजित आतंकवाद के लिए एशियाई या अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए जाने की मांग की। अजीज ने सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ‘भारत के साथ कामकाजी सीमा और नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ने के बावजूद कार्यक्रम में मेरी भागीदारी अफगानिस्तान तथा क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान की पूरी प्रतिबद्धता का सबूत है।’ उन्होंने अफगान मुद्दे को राजनीतिक बातचीत के जरिए हल करने पर जोर देते हुए कहा, ‘मुझे आज इस उद्देश्य की दिशा में सार्थक बातचीत की उम्मीद है।’
अजीज ने कहा कि क्षेत्रीय सहयोग राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि नवंबर में इस्लामाबाद में आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलन का स्थगन इन प्रयासों के लिए झटका था और क्षेत्रीय सहयोग की भावना को कमजोर किया। उन्होंने कहा कि दक्षेस न सिर्फ क्षेत्रीय सहयोग के लिए बल्कि संबंधों में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण मंच है। पाकिस्तान से पनपने वाले सीमा पार आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए भारत दक्षेस सम्मेलन से हट गया था। अफगानिस्तान और दक्षेस के अन्य देशों ने भी इस आधार पर आठ सदस्यीय बैठक को रद्द करने की मांग की थी कि क्षेत्र में आतंकवाद को शह दी जा रही है।
पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत में कई आतंकवादी हमलों तथा करीब दो महीने पहले नियंत्रण रेखा के पार भारत के लक्षित हमले को लेकर दोनों देशों के संबन्धों में तनाव में वृद्धि के बीच अजीज शनिवार (3 दिसंबर) रात यहां पहुंचे। अजीज ने कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत के लिए शांति प्रक्रिया का अभी तक सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है और पाकिस्तान शांति वार्ता को सुगम बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी नजर में, अफगान संघर्ष का कोई सैन्य हल नहीं है और हमारे सभी प्रयास ‘अफगान नेतृत्व में, अफगान प्रक्रिया’ के जरिए राजनीतिक रूप से बातचीत के माध्यम से हल हासिल करने के लिए होने चाहिए।’
अजीज ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के साथ अफगानिस्तान के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान हार्ट ऑफ एशिया-इंस्ताबुल प्रक्रिया को काफी महत्व देता है। उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षा बल आतंकवादी हमलों का जवाब देने में अपनी जमीन पर दृढ़ता और बहादुरी से डटे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने 2020 तक सुरक्षा और आर्थिक विकास क्षेत्रों में अफगानिस्तान को समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोहरायी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और लोग अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान के लोग और वहां की निर्वाचित सरकार के साथ पूरी तरह से एकजुटता में खड़े हैं।
अजीज ने कहा, ‘इस मकसद को हासिल करने के लिए हम जो कर सकते हैं, हम करेंगे।’ आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए अधिक क्षेत्रीय संपर्क पर जोर देते हुए अजीज ने कहा कि पाकिस्तान बढ़ती क्षेत्रीय परिवहन आवश्यकतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय रेल, सड़क और ऊर्जा पारेषण नेटवर्क बना रहा है। उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के जरिए अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे पर जोर है। अजीज ने उम्मीद जतायी कि बातचीत सार्थक होगी और अफगानिस्तान में स्थायी शांति तथा स्थिरता के लिए प्रयासों पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता हमारा साझा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि 2017 में ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के सातवें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी के लिए अजरबैजान के आमंत्रण का भी पाकिस्तान स्वागत करता है और सम्मेलन में उसकी सक्रिय भागीदारी की उम्मीद करता है।