सपा के दंगल में पिता-पुत्र में नहीं हुई सुलह, अखिलेश गुट ने 1.5 लाख पन्नों का दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपा
समाजवादी पार्टी में जारी कलह और सुलह की कोशिशों के बीच अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। शनिवार को भी दोनों गुटों में बैठकों का दौर चलता रहा। सुलह कराने के मुख्य सूत्रधार आजम खान को माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अध्यक्ष पद पर दोनों गुटों में पेंच फंसा हुआ है। इसबीच अखिलेश यादव गुट की तरफ से रामगोपाल यादव ने शनिवार को चुनाव आयोग में 1.5 लाख पन्नों का दस्तावेज सौंपा। आयोग ने 9 जनवरी तक दोनों गुटों से अपने समर्थक विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों समेत अन्य नेताओं का हस्ताक्षरयुक्त हलफनामा सौंपने को कहा है। इसी के मद्देनजर रामगोपाल यादव ने सात प्रतियों में इन दस्तावेजों को आयोग के कार्यालय में जमा कराया है। दस्तावेज सौंपने के बाद उन्होंने दावा किया कि 1.5 लाख पन्नों के इन कागजातों में 200 से अधिक विधायकों, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 विधान परिषद सदस्यों, 24 सांसदों में से 15 सांसदों तथा 5000 प्रतिनिधियों में से अखिलेश समर्थक करीब 4600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं।
इधर, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि सोमवार को मुलायम सिंह चुनाव आयोग जाकर समर्थक विधायकों, सांसदों और प्रतिनिधियों के दस्तावेज सौंपेंगे और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने आयोग को पत्र लिखकर समय मांगा है।
उधर, दस्तावेज सौंपने के बाद अखिलेश गुट के रामगोपाल यादव ने दावा किया कि 90 फीसदी जनप्रतिनिधि एवं प्रतिनिधि अखिलेश यादव के साथ हैं। इसलिए अखिलेश गुट ही असली समाजवादी पार्टी है। उन्होंने इसी के तहत साइकिल निशान पर दावा ठोका है और मांग की कि उनके गुट को साइकिल दिया जाना चाहिए। रामगोपाल ने दावा किया कि आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों का एक सेट मुलायम सिंह को उनके दिल्ली निवास पर भी भेजा गया है लेकिन उन्होंने पावती देने से इनकार कर दिया। अब उसे उनके लखनऊ के पते पर भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने दस्तावेज सौंपने की समय सीमा 9 जनवरी तय कर रखी है। 3 जनवरी को समाजवादी पार्टी में विभाजन उस वक्त औपचारिक रूप से सामने आ गया था, जब दोनों पक्ष सपा और उसके निशान पर दावा करते हुए चुनाव आयोग के पास पहुंचे थे।