बिलासपुर :-ट्रैक्टर के पानी से भरे गड्ढे में पलटने से दबकर 5 मजदूरों की मौत की खबर है। सभी मजदूर कोनी क्षेत्र के चुमकंवा के बताए जा रहे हैं। देर रात हुए हादसे में कड़ी मशक्कत के बाद तड़के सभी मजदूरों के शव को गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया हैं। दरअसल घटना हिर्री थाना क्षेत्र की है। यहां ग्राम पंचायत अटर्रा के आसपास बिजली तार खींचने का काम चल रहा है। ठेकेदार ने पंचायत भवन में मजदूरों के रहने की भी व्यवस्था की थी।मजदूर यहां से रोज सुबह काम पर निकल जाते और शाम को आकर रात में ठहरते हैं। रविवार की बीती रात पास की साइट से काम कर चार मजदूर समेत 1 ट्रैक्टर चालक पंचायत भवन लौट रहे थे। गांव के इस कच्चे मार्ग में अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर पानी से भरे गड्ढे में पलट गया। इस हादसे में चालक समेत मजदूर भी ट्रैक्टर में दब गए। तड़के तक सभी 5 मजदूरों के शव को बाहर निकाल लिया गया है। सभी मजदूर कोनी क्षेत्र के चुमकंवा के रहने वाले बताये जा रहे हैं। इनकी पहचान सूरज साहू, अक्षय खैरवार, राजकुमार नेताम, और रामायण साहू के तौर पर की गई है।
जांजगीर चाम्पा:- सामाजिक बहिष्कार के नाम पर समाज के ठेकेदारो द्वारा किस तरह अपने ही लोगो का दोहन किया जाता है, इसका जीता जागता नमूना छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में देखने को मिला, जहाँ अन्तर्जातीय विवाह करने वाले युवक के पूरे परिवार को समाज से बाहर निकाल दिया गया। समाज मे दोबारा शामिल करने के लिए इनसे डेढ़ लाख रुपये मांगे गए, मगर पूरी रकम नहीं देने पर इन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। मामले की शिकायत पुलिस में किये जाने पर समाज के इन ठेकेदारों के बीच खलबली मच गयी है।
जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़ का ऐसा जिला है, जहाँ से बड़ी संख्या में लोग हर साल रोजी-रोटी के लिए पलायन करते हैं। यहां के पिहरिद गांव का दिलहरण कर्ष भी मजदूरी करने के लिए हर साल जम्मू राज्य चला जाता है। कुछ समय पूर्व ही उसने सोनी नामक युवती से अंतरजातीय विवाह किया था। इसकी जानकारी जब बरेठ याने धोबी समाज के पदाधिकारियों को लगी तो उन्होंने दिलहरण के पूरे परिवार को समाज से बाहर करने का ऐलान कर दिया। इससे इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। समाज के लोगों ने इनसे मिलना जुलना छोड़ दिया। इससे परेशान दिलहरण ने समाज मे दोबारा शामिल होने की इच्छा जताई तो सामाजिक बैठक कराई गई, और इस परिवार पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया गया। दिलहरण ने बताया कि उसने किसी तरह 65 हजार रुपए का जुगाड़ किया और पदाधिकारियों को दिया, मगर थोड़े दिनों बाद वे बाकी रकम देने के लिए तांग करने लगे। परेशान होकर इस परिवार ने पुलिस की शरण ली।
दिलहरण के पिता ने बताया की उनकी इतनी हैसियत ही नहीं है कि वे इतनी बड़ी रकम का जुगाड़ कर सकें। उसकी मां को ये चिंता सता रही है कि अगर उन्हें समाज मे शामिल नहीं किया गया तो उसके बाल बच्चों का क्या हो। वहीं वो ये सवाल भी उठा रही है कि समाज के पदाधिकारी आखिर इन रुपयों का करते क्या हैं?
दिलहरण के काफी मनुहार के बाद पुलिस ने इस मामले में धोबी समाज के मुखिया और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया है।
, इस समाज केवल दिलहरण ही नहीं बल्कि ऐसे अनेक लोगों के परिवार हैं, जो सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं। ऐसे परिवारों से दोबारा समाज में शामिल करने के नाम पर लाखों रुपए की उगाही की जाती है। इसमें से कुछ रकम समाज के हिस्से में दी जाती है, और शेष रुपयों की बंदरबांट कर ली जाती। पता चला है कि दूसरे पीड़ित परिवार भी अब मामले की शिकायत पुलिस में करने जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है और समाज के ठेकेदारों के बीच खलबली मची हुई है।
डोलकुमार निषाद
जांजगीर चाम्पा:- छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा घुरवा बाड़ी के अंतर्गत गांव गांव में गोऊठान का कार्य किया जा रहा है लेकिन सरपंच सरकारी नियमो को ताक में रखकर उक्त निर्माण कार्य कर रहे है।
डभरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत अकोल जमोरा इनमे से एक है जहाँ शासन के नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए अपने ही अवैध लाल इंट का प्रयोग गोऊठान बनाने में कर रहा है। और यह कार्य अधिकारियो के आश्रय में हो रहा है।
अधिकारियो द्वारा न ही अवैध ईंट भट्ठों पर कार्यवाही की जा रही न ही उक्त निर्माण कार्य पर।
ज्ञात हो कि पर्यवरण को ध्यान में रखते हुए सरकारी कार्यो में लाल ईंट के स्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी है फिर भी सरपंचों द्वारा लाल इंट का प्रयोग किया जा रहा है।