-बिलासपुर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अधिवक्ता हनुमान प्रसाद अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर खुद को भगवान राम का वंशज होने का दावा किया है। बिलासपुर के देवरीखुर्द निवासी हनुमान ने अग्र भागवत में किए गए उल्लेख का जिक्र करते हुए कहा कि कुश की पीढ़ी के राजा बल्लभ देव के पुत्र महाराजा अग्रसेन सूर्यवंशी क्षत्रिय थे।
प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा था। उसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण का प्रतिशत बढ़ा कर पिछड़े वर्ग के लोगों को सौगात दी। लेकिन यह सौगात एक नया बवाल लेकर आई। भूपेश सरकार ने जो आरक्षण कि दर तय की वह 72 फ़ीसदी हो गई है। इस 72 फीसदी जातिगत आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग के युवाओं का विरोध शुरू हो गया। गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने जांजगीर स्थित वसुंधर उद्यान में सभा आयोजन किया जिसमें आने वाले दिवस में पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया इस सभा मे समस्त क्षेत्र के सामान्य वग के लोग सामिल हुए ।
कृष्णा जन्माष्टमी व गणेश चतुर्थी के नज़दीक आते ही शहर में मूर्तिकार भगवान कृष्ण व गणेश जी की मूर्तियां बनाना आरंभ कर चुके हैं। मूर्तिकारों द्वारा प्रतिवर्ष पीढ़ी गत पीढ़ी मूर्ति बनाने की परंपरा को इन कलाकारों द्वारा जारी रखा गया है। कोंडागांव शहर के चक्रधारी टेराकोटा आर्ट्स के संचालक पवन चक्रधारी ने बताया कि उनका परिवार वर्षों से मिट्टी से मूर्तियां गढ़ने का काम करते आ रही है। मूर्ति बनाने की कला उन्हें अपने नाना व पिताजी से मिली है। बस्तर अंचल में टेराकोटा के नाम से प्रसिद्ध मिट्टी की मूर्तियां बनाने की कला जग प्रसिद्ध है। चक्रधारी टेराकोटा आर्ट्स के संचालक पवन चक्रधारी को पर्यावरण हित को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के मूर्तियों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सम्मान पत्र से नवाज़ा गया है। पवन चक्रधारी ने बताया कि मूर्तियां वे आर्डर के अनुसार बनाते हैं इनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां विभिन्न आकार में उपलब्ध है। और उनके संस्था द्वारा मुर्तिया मिट्टी का इस्तेमाल करके ही बनाया जाता है ताकि उनका विसर्जन विधी विधान से किया जा सके व यह पर्यावरण हेतु भी नुकसानदायक नही होता है।
कोंडागांव: ग्रामीण अंचलों में बैंकिंग सुविधा को दुरुस्त करने शासन प्रशासन की विभिन्न योजनाएं क्रियांवयित हैं वही कोंडागांव ज़िला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर बनियागांव ग्राम पंचायत में संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के प्रबंधक की तानाशाही के चलते ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप हैकि अपने खाते से पैसे निकालने घण्टो कतार में खड़े रखने के बाद बैंक के कर्मचारी द्वारा बताया जाता हैकि बैंक में पर्याप्त धनराशी नही होने के कारण आज भुगतान नही किया जा सकता। वही एक स्थानीय ग्रामीण युवक ने सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी व्यवसाय के लिए लोन हेतु बार - बार चक्कर कटवाने की बात बताई है। आपको बता देकि ग्रामीण व आदिवासी अंचल होने के कारण क्षेत्र की आमजनता को कोसो दूर से चलकर बैंक आना पड़ता है और सुबह से अपने रोजमर्रा के कामकाज को छोड़कर यहां आने के बाद दिन भर कभी कोई कर्मचारी नही है तो कभी मशीन खराब है या अन्य बहाने बताकर शाम होते बैंक का समय खत्म हो गया कहकर ग्रामीणों को खाली हाथ लौटा दिया जाता है। वही बैंक की प्रिंटिंग मशीन कई दिनों से ख़राब होने का हवाला देते हुए पासबुक में एंट्री भी नही किया जा रहा है। वही बैंक प्रबंधक ने व्यवसाय व अन्य जरूरतों के लिए लोन मांगे जाने पर लोन का सीजन नही हक़ी करके आवेदनकर्ताओं को लौटा देने की भी शिकायत किया गया। बुजुर्ग महिला - पुरुष, महिलाओं सभी को घण्टो कतार में खड़ा करने के बाद भी बैंक के कर्मचारियों द्वारा सही सुविधा नही दिया जा रहा है। क्षेत्र के निवासियों व आसपास के ग्रामीणों की शिकायत पर आज शिवसेना के युवा इकाई युवासेना के विधानसभा अध्यक्ष अंकित मिश्रा के नेतृत्व में बैंक के प्रबंधक से इस विषय पर चर्चा हेतु बैंक परिसर में सभी एकत्रित हुए तो बनियगांव स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के अड़ियल प्रबन्धक बाहर आकर उनसे चर्चा करने भी नही निकले इससे ग्रामीणों में काफ़ी आक्रोश उत्पन्न हुआ। फिर आमजनता के प्रतिनिधि के रूप में युवासेना के विधानसभा अध्यक्ष अंकित मिश्रा को प्रबन्धक के तकरीबन 2 घंटे बाद अंदर बुलाया और अंकित मिश्रा ने ग्रामीणों से आ रही सारी शिकायत बैंक प्रबंधक के सामने रखते हुई जल्द से जल्द बैंक की व्यवस्था दुरुस्त करने का निवेदन किया है। उन्होंने चैनल से बात करते हुए कहा हैकि जल्द से जल्द बैंक प्रबंधक द्वारा व्यवस्था दुरुस्त नही किया गया तब आमजनता को हो रही परेशानियों को दूर करवाने युवासेना उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी।
प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा था। उसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण का प्रतिशत बढ़ा कर पिछड़े वर्ग के लोगों को सौगात दी। लेकिन यह सौगात एक नया बवाल लेकर आई। भूपेश सरकार ने जो आरक्षण कि दर तय की वह 72 फ़ीसदी हो गई है। इस 72 फीसदी जातिगत आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग के युवाओं का विरोध शुरू हो गया।
बुधवार को सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर निर्णय को वापस लेने के लिए नारेबाजी की। वहीं संविधान के दायरे में आरक्षण दिए जाने की मांग की। इस दौरान युवाओं ने सरकार को चेताया कि जल्द ही इस मामले में निर्णय लिया जाना चाहिये। दरअसल 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुशी जताते हुए प्रदेश में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की दर को बढ़ा दिया। मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की घोषणा कर डाली। घोषणा के बाद सामान्य वर्ग के युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया युवाओं का कहना था कि आरक्षण के खिलाफ नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है, यह गैर संवैधानिक है इस निर्णय से प्रदेश के लाखों युवाओं को मेहनत करने के बाद भी रोजगार नहीं मिल पाएगा।
बिलासपुर. अपनी बेटी के साथ गुजर बसर कर रही एक वृद्ध महिला को डरा धमकाकर उसके खेत में जहरीला कीटनाशक का छिड़काव कर धान की फसल को नुकसान पहुंचाने का एक मामला सामने आया महिला का आरोप है कि उसके जेठ और दामाद जमीन हड़पने के चक्कर में आए दिन उसे डराते धमकाते रहते हैं वहीं इस मामले की शिकायत कर पीड़िता ने एसपी और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम रलिया निवासी हर बाई कुर्रे की गांव में करीब 2 एकड़ जमीन है जिसमें वह पिछले 25 वर्षों से काबिज हैं। को मिले शिकायत पत्र में पीड़िता ने बताया है कि वह अपनी बेटी के साथ रहती हैं और जीवन यापन के लिए उक्त कृषि भूमि पर धान लगाती हैं बीते दिनों उसके जेठ लक्ष्मी कुर्रे और दामाद संजू पात्रे खेत को हथियाने के फिराक से उसे डरा धमकाकर परेशान कर रहे हैं उसके खेत मे कीटनाशक का छिड़काव कर पूरे धान की खेती को बर्बाद कर दिया पीड़िता का आरोप है कि जब इस बात की जानकारी उसने जेठ और दामाद से ली तो उन्होंने खेत को हथियाने के एवज में उसकी जान लेने तक की धमकी दी है वही इस घटना को लेकर पीड़िता काफी डरी सहमी हुई है वृद्धा ने बताया कि धान बुवाई के बाद उसे करीब 20 से 30 बोरी धान की आवक होती है जिसे कीटनाशक डालकर बर्बाद कर दिया गया पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्टर और एसपी से मामले की शिकायत की है।
स्वतंत्रता दिवस के पर मुख्यमंत्री ने बहुप्रतीक्षित 23 वर्ष पुरानी मांग को पूरा करते हुए नए जिले के रूप में पेंड्रा गौरेला मरवाही के रूप में क्षेत्र को बड़ी सौगात दी।व्यंग्यात्मक रूप में क्षेत्र के लोग आपस मे यह चर्चा करते नजर आए की स्वतंत्रता दिवस में मानो आजादी मिली हो। पेण्ड्रा गौरेला मरवाही के जिले की घोषणा के बाद आसपास के ग्रामीण इलाके और पेण्ड्रा कोटमी से लगा हुआ क्षेत्र पसान जो वर्तमान में कोरबा जिले अंतर्गत आता है, उसे पेण्ड्रा गौरेला मरवाही में जोड़ने की मांग जोरो पर है ।वर्तमान में पसान से कोरबा जिले की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है। व पसान से पेंड्रा की दूरी महज 25 किमी है। साथ ही पसान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, पसान अंतर्गत 42 पंचायतें आती है, इन 42 पंचायतों के साथ पसान के सरपंच जनपद सदस्यों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की है, कि उन्हें गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में जोड़ा जाए । क्षेत्रवासियों का कहना है कि पसान से कोरबा का फासला काफी लंबा है,वहीं पसान कोरबा जिले के आखरी छोर पर है, जिससे पसानवासियो को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है । छोटी से छोटी जरूरतों के लिए पसानवासियो को जिले मुख्यालय के लिए 110 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है,और इस सफर में पूरा दिन बीत जाता है । साथ ही जिला मुख्यालय से दूरी होने की वजह से क्षेत्र का विकास भी नही हो रहा है । वही ग्रामीण अंचल में बसे हुए ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए जिले के आखरी छोर से मुख्यालय जाने में 8 से 10 घंटे का सफर कर जिला मुख्यालय पहुँचते है,पेंड्रा गौरेला मरवाही से जुड़ने के बाद यह समय घटकर कि 1 घण्टे का हो जाएगा।कोरबा दूर होने की वजह से, कई बार ऐसा होता है, कि अधिकारियों से मुलाकात नही होती, समय की बर्बादी होती है, और साथ ही खर्च भी काफी पड़ता है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर पसान को गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में शामिल किया जाता है तो ग्रामीणों को जिला मुख्यालय पास पड़ेगा जिससे ग्रामीणों को काफी सुविधाएं हो जाएगी । और साथ ही ग्रामीणों को समय और खर्च की भी बचत होगी । गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के जिले बनने की घोषणा के बाद पसान वासियो द्वारा जमकर अतिशबाजी की गई और मिठाईयां बांट कर खुशियां जताई गई क्योकि गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के जिला बनने के बाद पसान वासियों में एक खुशी की झलक थी कि अगर पसान को गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में जोड़ा जाएगा, तो जिला मुख्यालय से संबंधित सारी चीजें आसान हो जाएगी व क्षेत्र उत्तरोत्तर विकास करेगा ।
कोंडागांव:- आपको बता दे केंद्र सरकार की तरफ़ से देश के सभी टोल प्लाजा पर खानपान की सुविधा, प्रसाधन की सुविधा, हवा व पंचर बनाने की सुविधा सहित अन्य जरूरी सुविधाओं पूर्ण रूप से निशुल्क शुरू करने का निर्देश है। लेकिन अभी तक एन एच 30 पर शुरू होने वाले टोल टैक्स पर कोई भी सुविधा नही है ।
टोल टैक्स अचानक शुरु होने से कुछ वाहन चालकों को पैसे नही होने के कारण थोड़ी परेशानी हुई तब टोलप्लाज़ा के प्रबंधन द्वारा उन्हें इस बार टेक्स में छूट देते हुए आगे जाने दिया गया।
टोलप्लाज़ा के आरंभ होने से आसपास के शहरों में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा लगाए विद्युत पोलो पर जहां आजतक रोशनी नही जली है, अब उनके भी आरंभ होने का रास्ता साफ़ हो गया है। आपको बताना चाहेंगे कि इन विद्युत पोलो पर रोशनी दौड़ते ही जगदलपुर ज़िला के भानपुरी व फरसागुड़ा, कोंडागांव ज़िला के बनियागांव व ज़िला मुख्यालय की सड़कें जगमगा उठेंगी।
टोलप्लाज़ा पर टैक्स वसूली तो आरंभ कर दिया गया है पर अब देखना यह है कि इन विद्युतपोलो पर प्रकाश की व्यवस्था कब तक आरंभ होती है।