भाई-बहन के प्यार के इस अटूट पर्व रक्षाबंधन पर राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं.
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा है कि रक्षाबंधन का पर्व जहां भाई-बहन के पवित्र स्नेह एवं प्रेम का प्रतीक है, वहीं बहन द्वारा भाई की मंगल कामना और भाई द्वारा बहन की रक्षा किये जाने के संकल्प से जुड़ा है। उन्होंने यह कामना की है कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख-शांति एवं खुशहाली लेकर आए।
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भिलाई 3 स्थित पदुम नगर में आयोजित चालीहा महोत्सव में हिस्सा लिया। उन्होंने समाज के व्रतधारियों के साथ अखंड कीर्तन में हिस्सा लिया। चालीहा महोत्सव के दौरान सिंधी समाज के लोग 40 दिनों तक व्रत रखते हैं तथा निरंतर जाप का आयोजन होता है। मुख्यमंत्री ने समाज के सदस्यों को चालीहा महोत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कीर्तन के इस कार्यक्रम में आकर बहुत अच्छा लग रहा है। चालीहा महोत्सव के दौरान निरंतर जाप होता रहता है। ऐसे आध्यात्मिक माहौल से आत्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
रायपुरः BBN24NEWS@ छत्तीसगढ़ के शासकीय कालेजों में निर्धारित संख्या से कम एडमिशन होने पर सरकार के गाइड लाइन के अनुसार कालेजों में प्रवेश की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी शासकीय कालेज में पढ़ाई लिखाई नहीं हो रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक सरकार ने ना तो गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति की है और न ही नियमित प्रोफेसर्स की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ पा रही है। पूरे प्रदेश के शासकीय कालेजों का यही हाल है।
राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को ऊपर उठाने और तय समय पर छात्रों का कोर्स पूरा कराने के लिए राज्य शासन की तरफ से जारी दिशा निर्देश के अनुसार 1 जुलाई से शैक्षणिक कार्य शुरू हो जाने चाहिए थे। इस आदेश का पालन करने की कोशिश भी की गई, लेकिन अधिकतर विषयों के लेक्चरर्स ना होने की वजह से पढ़ाई ठप्प है। आम तौर पर अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति जून के अंतिम या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर ली जाती है, लेकिन इस बार शासन की तरफ से अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए भी कोई प्रावधान जारी नहीं किया गया है।
प्रदेश में 252 शासकीय महाविद्यालय हैं जिसमें प्राध्यापकों के 1500 पद खाली हैं, नियमित भर्ती ना होने की वजह से अतिथि प्राध्यापकों की मदद से शैक्षणिक कार्य कराया जाता है। अतिथि प्राध्यापकों की भर्ती का प्रावधान 2011-12 सत्र से शुरू हुआ था जो निरंतर जारी है। हालांकि इस वर्ष अगस्त महीना का एक पखवाड़ा बीतने को है, पर अतिथि प्राध्यापकों की भर्ती अभी तक नहीं की जा सकी है। इससे छात्रों की पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा मनाये जा रहे विश्व आदिवासी दिवस का विरोध करके अजीत जोगी ने यह साबित कर दिया कि वे तकनीकी रूप से ही नकली आदिवासी नहीं है। मानसिक रूप से आदिवासी विरोधी है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षो से आदिवासियों का हक मारने वाले अजीत जोगी को राज्य में आदिवासियों के मान सम्मान और उत्सव और प्रतिष्ठा भी बर्दाश्त नहीं है। राज्य बनने के बाद खुद को आदिवासी नेता बता कर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने वाले जोगी के अंदर यदि तनिक भी आदिवासी संस्कार होते तो 2000 में ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी दिवस उत्सव मनाने की परंपरा शुरू हो जाती और आदिवासियों के इस सम्मान पर्व पर अवकाश की घोषणा भी हो जाती, लेकिन आदिवासी समाज का हक एक फर्जी कागज के सहारे छीनने वाले से आदिवासियों के सम्मान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। दरअसल छत्तीसगढ़ के आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस पर कोंटा से बलरामपुर तक उत्साह और खुशी के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाने जा रहे है। आदिवासियों की खुशियां अजीत जोगी को बर्दाश्त नहीं हो रही है। पहली बार ऐसी सरकार छत्तीसगढ़ में आयी है। जिसने आदिवासियों की खुशियों को अपनी खुशी बनाया है और विश्व आदिवासी दिवस के दिन छुट्टी घोषित की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पूरा छत्तीसगढ़ जानता है कि अजीत जोगी स्वयं फर्जी आदिवासी होने के आरोपों के घेरे में है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र की जांच प्रक्रिया जारी है जिसे लगातार अजीत जोगी जी ने 15 वर्षो तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह जी के सहयोग से बाधित किया है। अजीत जोगी आदिवासियों के हितैषी होते तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री काल में आदिवासियों के चेहरों पर कालिख नहीं पोती जाती। आदिवासियों के चेहरों पर कालिख पुतवाकर किस मुंह से अजीत जोगी आदिवासियों का चिंता कर रहे है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी यह कभी नही भूल सकते कि अजीत जोगी के कार्यकाल में आदिवासियों को जेल भिजवाया गया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के उदघाटन के लिए पूर्व में किया गया भाजपा का प्रदर्शन एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माणकर्ता ठेकेदार के हित को समर्पित था। भाजपा को राजधानी की जनता की सुरक्षा नही बल्कि एक्सप्रेस वे के गुणवत्ताहीन निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार की बिल की चिंता है। गुणवत्ता मापदण्डो को पूरा नही कर पाने के कारण एक्सप्रेस वे का उद्घाटन रूका है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार में कमीशनखोरी के कारण गुणवत्ताविहीन निर्माण हुये है। गुणवत्ताविहीन होने के कारण इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है भाजपा सरकार में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के कारण निर्माण कार्यों की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया गया, न ही मापदंडों को पूरा किया किया गया। राजधानी में बने रेलवे अंडर ब्रिज और फ्लाईओवर निर्माण में लापरवाही बरती गई है। जनता के सुविधा हेतु बनाए गए, अंडर ब्रिज बारिश के दिनों में पानी से लबालब हो जा रहा है। पूरे प्रदेश में रमन सरकार के दौरान बनी सड़कें खराब हो गई है। सरकारी बिल्डिंगों में दरार आ गई है भाजपा की कमीशन खोरी भ्रष्टाचार के कारण जनता के पैसों का बंदरबांट हुआ है।
रायपुर:- राज्य शासन के जनसम्पर्क विभाग ने नये विज्ञापन नियम लागू कर दिये हैं। छत्तीसगढ़ राजपत्र में विज्ञापन संबधी नियमावली 2019 की अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही ये प्रभावशील हो गये हैं। डिजीटल माध्यम की उपयोगिता को देखते हुए न्यूज वेबसाईटों के लिए भी मापदंड तय कर दिये गये हैं। न्यूज वेबसाईटों/न्यूज पोर्टलों से प्रति माह की 12 तारीख तक निर्धारित प्रपत्र में विज्ञापन के लिए आॅनलाईन आवेदन लिया जायेगा। आनलाईन आवेदन वेबसाईट cg.nic.in/dpr पर भरा जा सकता है। आनलाईन आवेदन करते समय कोई कठिनाई आने पर कार्यालयीन दिवस एवं समय में टेलीफोन नंबर 0771-2512575 पर सीनियर प्रोग्रामर से संपर्क कर सकते हैं
रायपुर 06 अगस्त 2019 राज्य शासन द्वारा 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और मुख्यमंत्री संदेश के वाचन के लिए जनप्रतिनिधियों को नामांकित किया गया है। रायपुर जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ध्वजारोहण करेंगे।
जिला दुर्ग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, बिलासपुर में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, जांजगीर-चांपा में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, रायगढ़ में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे मुख्य अतिथि होंगे। राजनांदगांव में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, कबीरधाम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, कोरबा में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, धमतरी में आबकारी मंत्री कवासी लखमा, सरगुजा में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, जशपुर में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, बलरामपुर में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, कांकेर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार जिले के मुख्य अतिथि होंगे।
इसी प्रकार कोरिया में सांसद ज्योत्सना महंत, बस्तर में सांसद दीपक बैज, बीजापुर में अध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण लखेश्वर बघेल, बलौदाबाजार-भाटापारा में अध्यक्ष मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण लालजीत सिंह राठिया, सूरजपुर में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री खेलसाय सिंह, नारायणपुर में बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी, सुकमा में बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, मुंगेली में सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो, गरियाबंद में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, बेमेतरा में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पत सिंह, महासमुंद में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कवर, कोण्डागांव में विधायक मोहन मरकाम, बालोद में विधायक संगीता सिन्हा, दंतेवाड़ा में विधायक मनोज सिंह मण्डावी जिले के लिए मुख्य अतिथि होंगे।