महिला आइस हॉकी टीम ने चंदे के पैसे से की तैयारी और रच दिया इतिहास, दर्ज की पहली इंटरनेशनल जीत
भारतीय महिला आइस हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज कर ली है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में खेले जा रहे आईआईएचएफ एशिया चैलेंज कप में भारतीय टीम ने फिलिपींस को 4-3 से हरा दिया। टीम की जीत इस मायने में अहमियत रखती है कि इस टूर्नामेंट में जाने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं थे। इसके लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग अभियान शुरू किया और इससे चंदा जुटाया। इस अभियान के दौरान 3000 दानदाताओं ने सहयोग दिया। इस पैसे से महिला खिलाडि़यों की ट्रेनिंग, रहने की व्यवस्था, हवाई किराया, वीजा, टीम जर्सी और साजोसामान की व्यवस्था हुई। टीम ने कुछ समय तक किर्गिस्तान में भी प्रशिक्षण लिया।
भारत ने 2016 के एशिया चैलेंज कप से अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। इस प्रतियोगिता में टीम इंडिया की अनुभवहीनता साफ दिखाई दी। इसमें उसने 39 गोल खाए और उसकी ओर से केवल 5 गोल हो पाए। हालांकि इस बार टीम काफी दृढ़निश्चित नजर आई। फिलीपींस के खिलाफ त्सवांग चुस्कीत ने भारत का खाता खोला। कप्तान रिंचेन देवी ने इस बढ़त को दोगुना किया। हालांकि फिलीपींस की टीम भी इस तरह से हार मानने वाली नहीं थी। उसकी ओर से भी जवाबी कार्रवाई हुई बियांका क्यूवास ने दो और कायला हर्बोलारियो ने गोल दागकर टीम को 3-2 से आगे कर दिया। अब टीम इंडिया दबाव में थी। इस दबाव को हटाने का जिम्मा लिया चुस्कीत ने और उन्होंने अपना दूसरा व भारत का तीसरा गोल दाग दिया। मैच के 58वें मिनट में चुस्कीत ने अपना तीसरा गोल दागकर टीम इंडिया को निर्णायक बढ़त दिला दी।
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