लू से बचने स्वास्थ्य विभाग ने सुझाये उपाय
गरमी के मौसम में तापमान के ज्यादा बढ़ने और गर्म हवाओं के असर से लोगों में लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ऐसी हालात से बचने और लू लगने के लक्षण बताते हुए आगामी दो महीने तक विशेष सावधानी बरतने को कहा है। उन्होंने इससे तत्काल राहत के लिए प्राथमिक उपचार के कुछ तरीके भी बताये है
- सीएमएचओ ने कहा कि भीषण गरमी के चलते लू सहित स्वास्थ्य संबंधी अनेक प्रकार की दिक्कतें आती हैं।
- तेज धूप और गरमी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज लवण विशेषकर नमक की कमी हो जाती है।
- लू के लक्षणों में तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना |
- सिर में भारीपन एवं दर्द आना |
- शरीर का तापमान अत्यधिक होने के बाद भी पसीने का नहीं आना |
- अधिक प्यास लगना और पेशाब कम होना |
- भूख कम लगना और बेहोश हो जाना प्रमुख है ।
उन्होंने कहा कि लू से बचाव का तरीका यह है कि यदि जरूरी नहीं हो तो घर से बाहर नहीं निकला जाये। धूप में निकलने से पहले सिर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह बांध लिया जाए। पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। अधिक समय तक धूप में न रहें। गर्मी के दौरान नरम, मुलायम, सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा बदन के सम्पर्क में रहे और पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने पर ओआरएस घोल पियें। चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेयजल अथवा फल का रस, मठा, लस्सी आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए आरोग्य 104 सेवा से सम्पर्क कर परामर्श लिया जाए। लू लगने पर पीड़ित के सिर ठण्डे पानी की पट्टी लगाएं। कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि ठण्डे पेय लगाएं। पीड़ित को पंखे के नीचे हवा में लेटायें। शरीर पर ठण्डे पानी का छिड़काव करते रहें। नजदीक के मितानीन अथवा ए.एन.एम से ओआरएस की पैकेट के लिए सम्पर्क करें।
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