भाटापारा में मोहल्ले से लेकर कालोनियों तक अपराधों की धमक
हवा चलती है तो वह जैसी फिजा होती है वैसा महक बिखेरती है बाग के पास चलती हुई हवा गर खुशबू का माहौल बनाती है तो सडांध के पास से गुजरी हवा बदबू का कारक बनती है कुछ ऐसा ही वातावरण अभी व्यवस्था मे नजर आ रहा है जहां कानून व्यवस्था की शिथिलता भाटापारा मे एक तरह से अपराधों की दुर्गन्ध बिखेर रही है और जनमानस हलाकान सा हुआ इससे निजात की बाट जोह रहा है
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अपराध दर अपराध की कड़ी
सामान्यतः शांत क्षेत्र मे गिनती होने वाले शहर मे कुछ वर्षों से अपराध मे बढोत्तरी का नजारा देखने मे आ रहा है और निरंतर घट रहे विविध अपराधों मे आम जन से लेकर प्रभावशाली तबका तथा मोहल्ले से लेकर कालोनियों तक अपराधों की धमक दिखाई दे रही है जिससे सारा शहर एक तरह से अपराधिक पीड़ा से परेशान नजर आ रहा है नित नयी घटती अपराधिक घटनाओं मे चोरी मारपीट हत्या जैसे जघन्य अपराधों के अलावा अपहरण जैसी घटनाओं के घटने से एक तरह से क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो गया है कि जिस हौसले से अपराधी अपराध की विविधताओं को अंजाम दे रहे हैं उतनी ही उदासीनता से प्रशासन यह नजारा देखने को क्यों मजबूर है
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चूकती व्यवस्था बढ़ती व्यथा
जुआ सट्टा अवैध शराब की बिक्री जैसे घातक असमाजिक आचरण क्षेत्र मे घटने के बजाय निरंतर प्रगति पर हैं और यदाकदा इस पर कड़ाई के अलावा इसके उन्मूलन के लिए अब तक ठोस कदम नही उठाया जाना जिसके चलते इससे जुड़े पूरक अपराधों को एक तरह से संरक्षण प्राप्त हो रहा है वहीं यह अपराधियों के लिए हौसले का कारक साबित होते हुए दुस्साहसिक अपराधों को अंजाम देने की पृष्ठभूमि बन रहें है विधायक के गाड़ी को लूटने एवं कृष्णा सिटी जैसे पाॅश कालोनी जहां जज एवं बड़े बड़े प्रशासनिक अधिकारियों का निवास स्थान है वहां भी चोरी की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है और यह पुष्टि है कि किस तरह अपराधियों के हौसले बुलंद है और व्यवस्था किस हद तक चुकी हुई तथा लाचार नजर आ रही है
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नयी सरकार आशाएं अपार
ढांचागत विकास मे कीर्तिमान बना चुकी पूर्ववर्ती सरकार के संबंध मे जनमानस का कथन है कि उनका विकास एक पक्षीय था जिसके तहत महज ढांचा निर्माण को तवज्जों दी गयी और व्यवस्था गत विकास की भरपूर उपेक्षा हुई जिसके चलते अस्पताल स्कूल अन्य सुविधाओं के ढांचों का भरपूर निर्माण हुआ किन्तु वहां व्यवस्था सुचारु नही हो पायी और इस नीति का दंश भाटापारा को भी झेलना पड़ा सुविधा विहिन अस्पताल और अभाव ग्रस्त विद्यालय इसका ज्वलंत उदाहरण है इस व्यवस्था विहिन विकास की हवा चहुंओर अव्यवस्था की फिजा का निर्माण कर गयी कानून व्यवस्था की लचरता भी इसी व्यवस्था हीनता का प्रतीक है चूँकि नयी सरकार का गठन भी भ्रष्टाचार और व्यवस्था के मुद्दे पर हुआ है और इस विधा मे उनकी बड़ी बड़ी घोषणाएं भी है जिसके चलते जनमानस को आस है कि अब संपूर्ण विकास का दर्शन होगा और व्यवस्था मे कसावट के दर्शन होंगे अब देखना यही है कि भाटापारा समेत संपूर्ण राज्य की व्यवस्था गत फिजा बदलेगी या समस्या वहीं खड़ी रह जाएगी
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